नई कर व्यवस्था के पांच बदलाव, जो बचा सकते हैं आपकी मेहनत की कमाई
नईदिल्ली
बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को पेश किया था, जिसे 1 अप्रैल से डिफॉल्ट रूप से लागू कर दिया गया है। करदाताओं की सहूलियत के लिए इस नई व्यवस्था में काफी बड़े बदलाव भी किए गए हैं, जिससे टैक्स में ज्यादा छूट के साथ कई तरह के और लाभ दिए जा रहे हैं। इसलिए, अगर आप भी नई कर व्यवस्था में आने का सोच रहे हैं तो पहले इन पांच बड़े बदलावों के बारे में जान लें, जो आपके लाखों रुपये बचा सकते हैं।
1. नया टैक्स स्लैब
नई कर व्यवस्था के तहत सबसे पहले एक नया टैक्स स्लैब लाया गया है, जिसमें लिमिट को बढ़ाया गया है। यह स्लैब इस तरह से है-
3 लाख तक की आय पर – 0 टैक्स
3 लाख से 6 लाख तक की आय पर – 5 फीसद टैक्स
6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक की आय पर – 10 फीसद टैक्स
9 लाख रुपये से 12 लाख तक की आय पर – 15 फीसद टैक्स
12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की आय पर – 20 फीसद टैक्स
15 लाख रुपये से ऊपर की सालाना आय पर – 30 फीसद की टैक्स
2. टैक्स सीमा बढ़ी
नए टैक्स स्लैब के आने के साथ ही नई कर सीमा को भी इस व्यवस्था के तहत बढ़ाया गया है। इसके मुताबिक, 3 लाख तक की सालाना आय वाले व्यक्ति कर सीमा (Tax Limit) से बाहर है। वहीं, यह सीमा पुरानी कर व्यवस्था में 2.5 लाख रुपये तक की थी।
3. Tax छूट की सीमा बढ़ी
नई कर व्यवस्था में सीमा बढ़ाने के अलावा और भी बदलाव किया गया है। धारा 87A के तहत मिलने वाली रिबेट यानी कि छूट की सीमा को इस व्यवस्था में बढ़ा दिया गया है। पहले जहां 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता था। वहीं, अब इसे बढ़ाकर 7 लाख तक कर दिया गया है।
4. Standard deduction हो गया है शामिल
पहले पेश की गई नई कर व्यवस्था में किसी भी तरह के निवेश या डिडक्शन का क्लेम नहीं किया जा सकता था, लेकिन बजट 2023 में इसमें मानक कटौती (Standard Deduction) को शामिल कर लिया गया है। इसके तहत, करदाताओं को 50,000 रुपये तक की कर कटौती दी जाती है। वहीं, पेंशनधारियों को इस व्यवस्था के तहत 15,000 रुपये तक की छूट दी जा रही है।
5. Surcharge में आई कमी
नई करफ व्यवस्था सिर्फ कम आय वाले करदाताओं के लिए ही फायदेमंद नहीं है, बल्कि इसमें ज्यादा आय वाले करदाताओं का भी ध्यान रखा गया है। 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर पहले जहां 37 प्रतिशत का सरचार्ज लगाया जाता था। वहीं, अब इस दर को घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है।