पांच एजेंसियां, पांच प्लान… उत्तराखंड की सुरंग में ज़िंदगी से जंग जारी
उत्तरकाशी
उत्तरकाशी में एक निर्माणाधीन सुरंग में फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 9वां दिन है. बचाव और राहत में जुटी विभिन्न एजेंसियां पांच-विकल्प वाली कार्ययोजना पर काम कर रही है. भारतीय सेना भी इस अभियान में शामिल है.
रेसक्यू ऑपरेशन के लिए जो पांच प्लान बनाए गए हैं उनकी जिम्मेदारी एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड), ओएनजीसी (तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम), एसजेवीएनएल (सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड), टीएचडीसी और आरवीएनएल को दी गई है. इसके अलावा बीआरओ और भारतीय सेना की निर्माण शाखा भी बचाव अभियान में सहायता कर रही है. जो पांच प्लान बनाए गए हैं, वो इस प्रकार हैं-
प्लान 1- सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्लान वन के तहत बरकोट की तरफ से वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. ओएनजीसी ड्रिलिंग के मुखिया यहां पहुंच गए हैं और आज यानि सोमवार को उनका दौरा निर्धारित है. उन्हें 21.11.2023 तक रिपोर्ट देनी है.
बीआरओ का कार्य- ओएनजीसी 21 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट देगी. रिपोर्ट देने के बाद सड़क की बनावट को लेकर बीआरओ द्वारा इसे 22.11.2023 तक अंतिम रूप दिया जाएगा. सिल्क्यारा छोर पर आरवीएनएल द्वारा वर्टिकल ड्रिलिंग (6") की जा रही है. बीआरओ ने रविवार तक 1150 मीटर में से 970 मीटर तक सड़क मार्ग पहुंचाने का काम पूरा कर लिया था और बचे हुए कार्य को आज सुबह 9 बजे तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है.
ड्रिलिंग के लिए बिजली कनेक्शन के लिए आरवीएनएल से अनुरोध किया गया है और जिला प्रशासन से भी अनुरोध किया गया है. वर्टिकल ड्रिलिंग 26.11.2023 तक पूरी हो जाएगी.
प्लान 2- आरवीएनएल द्वारा 170 मीटर सुरंग निर्माण किया जाएगा. ड्रिलिंग से संबंधित सभी उपकरण 21 नवंबर को शाम 04:00 बजे तक पहुंच जाएंगे. 23 नंबर तक उन्हें सेट-अप करना है. रिसाइक्लिंग के लिए जल संसाधनों की पहचान की गई. राज्य सरकार के पाइप का उपयोग करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति आवश्यक है. सुरंग ड्रिलिंग के लिए उपकरण को एयरलिफ्ट किया जाना है.
प्लान 3- टीएचडीसी द्वारा 483 मीटर सुरंग बनाई जा रही है. टीएचडीसी ने साइट का निरीक्षण कर लिया है और अपनी मेनपावर और मशीनरी को बुला लिया है. टनल बोरिंग आज यानि सोमवार तक शुरू होगी.
प्लान 4- एनएचआईडीसीएल द्वारा सुरंग को मजबूत करना एवं निकासी मार्ग का निर्माण किया जाना है. कल रात से, आरओसी मशीन द्वारा मलबे के माध्यम से 150 मिमी व्यास वाले स्टील पाइप को धकेल कर एक और लाइफलाइन सर्विस तैयार की जा रही है. अब तक संभावित 60 मीटर लंबाई में से 41 मीटर लंबाई में पाइप डाली जा चुकी है. इसके बाद संभवतः 15 मीटर की दूरी से बोल्डर की रुकावट के कारण पाइप दिशा भटककर ऊपर की तरफ चले गए हैं जिसके बाद ड्रिलिंग प्रक्रिया रोक दी गई है. अब 150 मिमी व्यास की दूसरी लाइफ लाइन बिछाने का तीसरा प्रयास शीघ्र ही शुरू हो रहा है. पाइप ड्रिलिंग मशीन के लिए प्रोटेक्शन कैनोपी सोमवार तक पूरा होने की संभावना है और उसके बाद पाइप को अंदर पुश किया जाएगा.
प्लान 5- बीआरओ द्वारा सिल्क्यारा की तरफ से सड़क निर्माण कार्य आज सुबह 9 बजे तक पूरा हो जाएगा जिसके बाद एनएचपीसी/एसजेवीएनएल द्वारा वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी.आज शाम तक ड्रिलिंग शुरू कर दी जाएगी. मुख्य अभियंता उत्तर भारत ब्रिगेडियर पी.एस. जोशी और कर्नल परीक्षित पहले से ही मौके पर मौजूद हैं. सेना ने आज सुबह तक 20 कुशल लोगों को जुटाने का आश्वासन दिया. घटनास्थल पर ड्रोन पहुंच गया है.
आपको बता दें कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘आलवेदर सड़क’ (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है.