मछुआरे को मिली दुर्लभ एलीगेटर गार, लंबाई 10 फीट
भोपाल.
आज बड़े तलाव में मगरमच्छ के मुंह के जैसी मछली देखने को मिली किसी मछुआरे ने इस मछली को अपनी बंसी से मारा जब पानी से बाहर निकाला तो इस तरीके की मछली पाई गई जो आज तक बड़े तलाव में नहीं पाई गई अब यह मछली बड़े तलाव में कैसे आई किसने इसका बीच छोड़ा इस मछली का नाम क्या है पता नहीं अजीब तरीके की मछली है यह पहली बार बड़े तलाव में मगरमच्छ मुंह जेसी देखने को मिली।
इसका नाम इसके बड़े आकार, नुकीले दांतों के कारण रखा गया है। एलीगेटर गार मछली मीठे पानी में पाई जाती है और लंबाई में 10 फीट तक बढ़ सकती है। उसका जबड़ा बहुत मजबूत होता है।
लंबाई में 10 फीट तक बढ़ सकती है
मछली घर में एक ऐसी मछली मौजूद है जो नरभक्षी है.जी हां आपने शायद ही किसी ऐसी मछली का नाम सुना होगा जो नरभक्षी है और जो लंबाई में तेजी से बढ़ती रहती है.मछली घर में रखी एलीगेटर गार मछली अमेरिका के मीठे पानी में पाई जाती है और यह करीब 10 फीट तक की हो सकती ह?
उम्र 18 से 20 साल होती है
लखनऊ चिड़ियाघर में बने मछली घर में एक ऐसी मछली मौजूद है जो नरभक्षी है.जी हां आपने शायद ही किसी ऐसी मछली का नाम सुना होगा जो नरभक्षी है और जो लंबाई में तेजी से बढ़ती रहती है.मछली घर में रखी एलीगेटर गार मछली अमेरिका के मीठे पानी में पाई जाती है और यह करीब 10 फीट तक की हो सकती है.इसकी उम्र 18 से 20 साल होती है.
लखनऊ के चिड़ियाघर में वर्तमान में जो एलीगेटर गार मछली है यह करीब 3 फीट की है.इसके अलावा दो एलीगेटर गार और हैं जो कि इसी के ठीक ऊपर वाले एक्वेरियम में रखी हुई हैं.वो दोनों 15 इंच की हैं.इस नरभक्षी मछली का जबड़ा बेहद मजबूत होता है,इसीलिए इसके चंगुल से किसी को बचाना बेहद मुश्किल होता है.इस मछली को खाने के लिए चिकन और छोटी मछली दी जाती है.यह मछली 2013 में यहां पर लाई गई थी.जो लाई लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
देश के किसी भी चिड़ियाघर में नहीं है यह मछली घर का रखरखाव कर रहे इंद्रमणि श्रीवास्तव ने बताया कि यह मछली देश के किसी भी दूसरे चिड़ियाघर में देखने के लिए नहीं मिलेगी.लखनऊ का चिड़ियाघर अकेला ऐसा चिड़ियाघर है जहां पर यह मछली देखने के लिए मिलती है.यह मछली तेजी से बढ़ती है और इसका रहन-सहन दूसरी मछलियों से एकदम अलग होता है इसीलिए कोई भी इस मछली को नहीं पालना चाहता.