उज्जैन में महाकाल में श्रद्धालुओं से ठगी करने वालों के खिलाफ FIR
उज्जैन
महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती और जलाभिषेक दर्शन के नाम पर छत्तीसगढ़ के छह दर्शनार्थियों से 21,600 रुपये वसूलने के मामले में महाकाल थाना पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। महाकाल पुलिस ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की शिकायत पर आरोपी घनश्याम शर्मा, धीरज शर्मा, सोनू पारिख और भावेश जोशी के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
मामले में छत्तीसगढ़ से आये छह दर्शनार्थियों से भस्मारती दर्शन और जलाभिषेक के 21 हजार 600 रुपये लिए गये थे। बताया गया कि रुपये घनश्याम शर्मा और धीरज शर्मा ने लिये थे, जबकि भस्मारती और जलाभिषेक की अनुमति सोनू पारिख और भावेश जोशी ने करवाई थी। चर्चा थी कि बडऩगर के विधायक मुरली मोरवाल की प्रोटोकाल अनुशंसा पर भस्मारती दर्शन हुए हैं।
इस मामले में मोरवाल का कहना है कि उन्होंने या उनके कार्यालय से भस्मारती की कोई अनुशंसा नहीं की गई है। ऐसे ही प्रोटोकाल नंबर 82 के जरिए इन दर्शनार्थियों को गर्भगृह जलाभिषेक का प्रोटोकाल महापौर मुकेश टटवाल के नाम से जारी हुआ था। महापौर टटवाल का कहना है, उन्होंने भी प्रोटोकाल रिक्वेस्ट नहीं भेजी है। टटवाल ने मांग की है कि मामले की गंभीरता से जांच होना चाहिए और जिसने भी यह हरकत की है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना चाहिए।
मंदिर समिति ने FIR के लिए सौंपा था पत्र
छत्तीसगढ़ से आए श्रद्धालुओं को भस्म आरती की अनुमति और रसीद कटवाने के नाम पर 21 हजार 600 रुपये की ठगी किए जाने की शिकायत पर महाकाल थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए मंदिर प्रबंधन समिति ने पत्र सौंपा है।
यह है पूरा मामला
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती और जलाभिषेक के लिए प्रोटोकॉल सिस्टम मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से लागू किया गया है। आम श्रद्धालुओं को लाइन में लगकर दर्शन करना और भस्म आरती में शामिल होने के लिए परमिशन लेनी होती है। प्रोटोकॉल के माध्यम से मंदिर के पंडे, पुजारी, सांसद, विधायक, महापौर, मंत्री और सरकारी अधिकारी को परमिशन दी जाती है। लेकिन कुछ लोग प्रोटोकॉल के नाम पर महाकाल के भक्तों से ज्यादा राशि वसूल कर ठगी कर रहे हैं।
ताजा मामले में छत्तीसगढ़ से आए श्रद्धालुओं के साथ ठगी की गई है। छह श्रद्धालुओं से 21,600 की ठगी पर महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि छत्तीसगढ़ से छह श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए आए थे। यहां उनकी मुलाकात बाहरी पुरोहित घनश्याम शर्मा और यश शर्मा से हुई। दोनों ने छह लोगों की भस्मआरती में शामिल होने की अनुमति बनवाने और जलाभिषेक रसीद कटवाने के नाम पर 21 हजार 600 रुपये लिए थे। लेकिन जब श्रद्धालु समय पर जलाभिषेक नहीं कर सके तो मंदिर प्रशासन को शिकायत की गई।