छत्तीसगढराज्य

रेप पीड़िता पर शिकायत वापस लेने की धमकी देने वाले आरोपियों के खिलाफ FIR; पुलिसकर्मियों पर भी होगी कार्रवाई

बिलासपुर

बिलासपुर जिले के रतनपुर में दुष्कर्म पीड़िता की मां की जमानत के बाद पुलिस ने अब इस केस में सख्ती से कार्रवाई शुरू कर दी है। SP संतोष सिंह के निर्देश पर रेप पीड़िता को केस वापस लेने के लिए पांच लाख रुपए का लालच देने और उसके बाद जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी के पिता पर FIR दर्ज किया गया है।

अब SP ने जांच रिपोर्ट के आधार पर षडयंत्र में शामिल पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई करने की बात कही है। रतनपुर थाने में दुष्कर्म पीड़िता की मां पर यौन शोषण का आरोप लगाकर उसे जेल भेजने के बाद मचे बवाल पर पुलिस बैकफुट पर आ गई है। जिसके चलते SP संतोष कुमार सिंह ने पूरे मामले के लिए जांच कमेटी बनाई।

कमेटी की रिपोर्ट आने पर उसे कोर्ट में पेश किया गया। जिसके आधार पर सोमवार को पंचम अपर सत्र न्यायाधीश स्मिता रत्नावत की कोर्ट ने जमानत दे दी है। इधर एसपी ने रतनपुर के तत्कालीन टीआई कृष्णकांत सिंह राजपूत को दोषी पाए जाने पर सस्पेंड कर दिया। और SDOP सिद्धार्थ बघेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

पीड़िता को केस वापस लेने दिया गया था लालच और फिर धमकी

SP संतोष कुमार सिंह ने बताया, जांच में दुष्कर्म पीड़िता की ओर से दर्ज कराए एफआईआर को भी बेसिक ग्राउंड बनाया गया था और इसे बदले की कार्रवाई बताई गई। पीड़िता और उसकी मां को दुष्कर्म केस में दबाव बनाने व समझौता कराने के उद्देश्य से यह एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसमें पुलिस को भी ट्रैप करने की कोशिश की गई है।

जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी के पिता और परिजनों की ओर से पहले पीड़िता व उसकी मां को केस वापस लेने के लिए पांच लाख रुपए का लालच दिया गया। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। यही वजह है कि पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के पिता फैज मोहम्मद व अन्य परिजन के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। फैज मोहम्मद भाजपा के निलंबित पार्षद हकीम मोहम्मद का भाई है।

पीड़िता ने पेश किया ऑडियो रिकॉर्डिंग​
जांच टीम को पीड़िता ने धमकाने के लिए बतौर सबूत ऑडियो क्लिप भी दिया है। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। एसपी संतोष कुमार के अनुसार ऑडियो को जांच के लिए भेजा गया है।

SP बोले- सख्ती से होगी कार्रवाई
SP संतोष सिंह ने कहा, इस मामले में आरोपियों पर और भी धाराएं बढ़ सकती है। ऑडियो की जांच कराने भेजा गया है। जांच टीम की पूरी रिपोर्ट अभी सामने नहीं आई है। इसलिए आरोपियों की संख्या भी बढ़ सकती है। अभी झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के आरोप में एफआईआर नहीं हुई है। इसके साथ ही इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

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