छत्तीसगढराज्य

वित्त मंत्रालय ठेकेदारों की बैंक गारंटी को जमानती बॉन्ड में बदलने पर सहमत : गडकरी

नई दिल्ली
 केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वित्त मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) तथा राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) के लिए काम करने वाले ठेकेदारों को अपनी बैंक गारंटी को बीमा जमानती बॉन्ड में बदलने की अनुमति दे दी है।

गडकरी ने हाल में कहा था कि जमानती बॉन्ड की पेशकश को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसमें बदलाव किए जाएंगे, क्योंकि बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) की कड़ी शर्तों के कारण कोई ठेकेदार इसे खरीद नहीं रहा है। मंत्री ने कहा, ''मैंने सड़क परिवहन सचिव से इस बारे में वित्त सचिव से बात करने को कहा था जिससे बैंक गारंटी को पिछली तारीख से जमानती बॉन्ड में बदलने की अनुमति दी जा सके।''

गडकरी ने बुधवार को यहां एनएचएआई के एक कार्यक्रम में कहा कि एनएचएआई में, सड़क मंत्रालय में और एनएचआईडीसीएल में जो भी बैंक गारंटी है, अगर वे चाहें तो उन्हें बीमा जमानत बॉन्ड में बदल सकते हैं। इसके लिए अनुमति दी जाएगी। पिछले साल दिसंबर में देश का पहला जमानती बॉन्ड बीमा उत्पाद पेश किया था। इसका मकसद बुनियादी ढांचा विकास में लगी कंपनियों की बैंक गारंटी पर निर्भरता को कम करना है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, ''मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सड़क परिवहन सचिव ने वित्त सचिव से बात की और वित्त सचिव इसपर सहमत हो गए हैं। अब आप इसे बदल सकते हैं।'' जमानती बांड बीमा जोखिम हस्तांतरण उत्पाद है। यह ठेकेदार के अपने अनुबंध संबंधी दायित्व को पूरा करने में विफल रहने की स्थिति में उत्पन्न होने वाले नुकसान से बचाता है।

यह उत्पाद इस बात की गारंटी देता है कि अनुबंध शर्तें और अन्य व्यावसायिक सौदे आपसी सहमति के तहत निर्धारित शर्तों के अनुसार संपन्न होंगे। अगर अनुबंधकर्ता शर्तों को पूरा नहीं करता है तो जमानती बॉन्ड के एवज में नुकसान की भरपाई की जा सकती है। बैंक गारंटी के उलट जमानती बॉन्ड बीमा अनुबंधकर्ता से कोई बड़े स्तर पर गारंटी के तौर पर कुछ नहीं लेता। इससे अनुबंधकर्ता के लिये बड़ी राशि उपयोग के लिये उपलब्ध होती है जिसका उपयोग कारोबार की वृद्धि को गति देने में किया जा सकता है।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button