शंभू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान नेता, थम गए 100 से ज्यादा ट्रेनों के पहिए
चंडीगढ़
एक महीने से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों ने रविवार को चार घंटे के रोल रोको आंदोलन का आह्वान किया था। ऐसे में पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर किसान रेल की पटरी पर बैठ गए। दोपहर के 12 बजे किसान रेलवे ट्रैक पर आ गए और कई ट्रेनों के पहिये थम गए। 4 बजे तक ट्रेनों के पहिए जाम रहेंगे। किसान पंजाब में 22 जिलों में 52 स्थानों पर ट्रैक पर बैठ गए हैं। वहीं हरियाणा में सिरसा समेत 3 जगहों पर रेलवे ट्रैक जाम किया गया है। दोनों राज्यों में 100 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शंभू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान नेता
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं। मोहाली रेलवे स्टेशन पर भी रेल ट्रैक पर किसान मौजूद हैं। अमृतसर, जालंधर और सुनाम में किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं। इस वजह से ट्रेनों को रोका गया है। आसपास पुलिस के जवान भी मुस्तैद हैं। भारी पुलिस की तैनाती की गई है। अमृतसर के देवीदासपुरा में भारी पुलिस तैनाती की गई है दिल्ली-अमृतसर रूट पर कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। रेल रोको आंदोलन में महिला किसान भी हिस्सा ले रही हैं।
आचार संहिता लागू होने से हमारा कोई लेना-देना नहीं: सरवन सिंह पंधेर
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती, हम अपना विरोध जारी रखेंगे। हम आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक 4 घंटे के लिए ट्रेनें रोकेंगे। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। जब हमने यह विरोध शुरू किया था तो हमें पता था कि हम 40 दिनों में यह विरोध नहीं जीत पाएंगे। हम अपनी ताकत बढ़ाना जारी रखेंगे।
ब्यास व लुधियाना से वापस भेजी गई ट्रेनें
किसानों के धरने के कारण रेलवे ने कुछ गाड़ियों को ब्यास व लुधियाना से ही वापस भेज दिया। इनमें शान-ए-पंजाब, अमृतसर एक्सप्रेस, अजमेर एक्सप्रेस, अमृतसर चंडीगढ़ शामिल हैं, जिन्हें ब्यास और लुधियाना रेलवे स्टेशन से वापसी के लिए रवाना कर दिया गया। जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन पर किसानों ने ट्रैक पर उतरकर ट्रेन रोकी। वहीं पटियाला रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर भी आंदोलनकारी किसानों ने जुटना शुरू कर दिया है। एमएसपी गारंटी कानून सहित अपनी अन्य मांगों के लिए एक महीने से पंजाब और हरियाणा के करीब 200 संगठनों के किसान हरियाणा के बॉर्डर पर डटे हैं। उन्होंने दिल्ली कूच का ऐलान किया था लेकिन चंडीगढ़-दिल्ली हाइवे बंद करके उन्हें रोक दिया गया। अब किसान दोबारा दिल्ली कूच की योजना बना रहे हैं। किसान संगठनों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाना चाहते हैं।