सूर्यकुमार यादव अगर 6 छक्के भी मार देते तो फर्क नहीं पड़ता, जानें क्यों मोहित शर्मा ने दिया ये बायन
नई दिल्ली
आईपीएल 2023 के दूसरे क्वालिफायर में शुक्रवार रात गुजरात टाइटंस ने 5 बार की चैंपियन टीम मुंबई इंडियंस को धूल चटाकर शान से दूसरी बार फाइनल में प्रवेश किया। इस मैच को जीटी ने 62 रनों के बड़े अंतर से जरूर जीता, मगर जब तक सूर्यकुमार यादव क्रीज पर मौजूद थे तो उनकी टीम की धड़कनें बढ़ी हुई थी। सूर्या एक ऐसे बल्लेबाज हैं जो मैच को कभी भी पलट सकते हैं। गुजरात के खिलाफ उन्होंने महज 38 गेंदों पर 61 रनों की तूफानी पारी खेली। सूर्या ने इस पारी में 7 चौके और 2 गगनचुंबी छक्के जड़े।
सूर्या का विकेट मैच का टर्निंग प्वाइंट बना और इस बात को खुद उनको आउट करने वाले गेंदबाज मोहित शर्मा ने कबुला। मैच के बाद मोहित ने सूर्या के खिलाफ गुजरात की रणनीति के बारे में भी बताया। मोहित ने कहा कि अगर सूर्यकुमार यादव उन्हें अगर 6 छक्के भी लगा देते तो भी वह अपनी रणनीति नहीं बदलते। मोहित शर्मा को इस मैच में 5 विकेट मिले थे और एमआई को ऑलआउट करने में उनका अहम योगदान रहा था। मैच के बाद मोहित शर्मा ने कहा 'मैं थोड़ा भाग्यशाली था कि इतनी जल्दी पांच विकेट हासिल कर लिए। गेंद अच्छी तरह से स्किड हो रही थी, लेकिन जिस तरह से स्काई (सूर्यकुमार यादव) और तिलक बल्लेबाजी कर रहे थे, हमें लगा कि अगर वे आउट नहीं हुए तो मैच फिसल सकता है। मैंने फैसला किया था कि अगर मैं स्काई के खिलाफ गेंदबाजी कर रहा हूं तो मैं ज्यादा प्रयोग नहीं करूंगा।'
उन्होंने आगे कहा 'हमारी एक मीटिंग हुई जिसमें हमने चर्चा की कि हमें सूर्या के खिलाफ ज्यादा कोशिश नहीं करनी चाहिए, इससे उसके लिए चीजें आसान हो जाती हैं। इसलिए विचार था कि लेंथ गेंदें फेंकी जाएं। यहां तक कि अगर हमें छह छक्के भी लग जाते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हमें लगा कि उसके लिए अपने शॉट खेलने के लिए सबसे मुश्किल लेंथ है। उस समय मैच खत्म नहीं हुआ था, लेकिन उसके विकेट (सूर्या का विकेट) का मतलब था कि हम खेल में थे। उस विकेट को लेने से बड़ी राहत मिली। मुझे लगा कि हम उस आखिरी विकेट के बाद ही फाइनल की कल्पना कर सकते हैं, हम यहां जीटी में पहले भी निराशाजनक परिस्थितियों से मैच जीते और हारे हैं, इसलिए यह खत्म होने तक कभी खत्म नहीं होता।'
कैसा रहा GT vs MI मुकाबला
क्वालिफायर-2 में मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था। उनका यह फैसला सही भी साबित हो जाता अगर 30 के निजी स्कोर पर शुभमन गिल का कैच टिम टेविड मिड ऑन की दिशा में पकड़ लेते। गिल का कैच टपकाने के बाद ऐसा लगा कि एमआई की शामत आ गई। जीटी के इस सलामी बल्लेबाज ने इस जीवनदान के बाद 99 रन और ठोकते हुए सीजन की तीसरी सेंचुरी लगाई। गिल के शतक के दम पर गत चैंपियन टीम 233 के विशाल स्कोर तक पहुंचने में कामयाब रही।
आईपीएल के इतिहास में प्लेऑफ में ये किसी भी टीम द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा टोटल था, ऐसे में दबाव एमआई पर आना लाजमी था। ईशान किशन के चोटिल होने की वजह से नेहाल वडेरा रोहित के साथ ओपनिंग करने आए, मगर दोनों ही सलामी बल्लेबाज सस्ते में पवेलियन लौट गए। तिलक वर्मा ने 14 गेंदों पर 43 रनों की तूफानी पारी खेल जरूर मैच में जान फूंकी। इसके बाद सूर्यकुमार यादव ने भी 38 गेंदों पर तूफानी अंदाज में 61 रन ठोके, मगर इनके आउट होने के बाद 5 बार की चैंपियन टीम ताश के पत्तों की तरह ढह गई। मोहित शर्मा ने अंत में 14 गेंदों पर मात्र 10 रन खर्च कर 5 विकेट चटकाए।