AI को लेकर एलन मस्क का बड़ा बयान
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने मेटा प्लेटफॉर्म्स के सीईओ मार्क जुकरबर्ग, अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई और अन्य तकनीकी सीईओ के साथ मुलाकात की। इस दौरान एलन मस्क ने AI के लिए अमेरिकी रेफरी की मांग की है जिससे AI का इस्तेमाल बेहतर और सुरक्षित तरह से किया जा सके।
जिस तरह से तकनीक आगे बढ़ रही है, खतरे की संभावाना और भी ज्यादा बढ़ती जा रही है। OpenAI के ChatGPT चैटबॉट के लॉन्च होने के बाद इंवेस्टमेंट और यूजर की लोकप्रियता में काफी उछाल आया है। मस्क ने कहा कि एआई के सुरक्षित इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए एक रेफरी जरूरत है। सिर्फ यही नहीं, मस्क ने AI को दोधारी तलवार बताया है। साथ ही इसे मानवता पर बड़ा खतरा भी बताया है।
जुकरबर्ग ने कहा कि कांग्रेस को AI से जुड़ने के लिए इनोवेशन और सिक्योरिटी को सपोर्ट करना चाहिए। यह एक उभरती हुई तकनीक है लेकिन इसे बैलेंस करने की जरूरत है। साथ ही कहा, “बेहतर होगा कि अमेरिकी कंपनियों द्वारा इसके स्टैंडर्ड तय किए जाएं जो हमारी सरकार के साथ मिलकर अहम मुद्दों पर इन मॉडलों को आकार देने के लिए काम कर सकें।” लॉमेकर्स ने कहा है कि पहले एआई के सरकारी रेग्यूलेशन को लेकर यूनिवर्सल एग्रीमेंट था।
लॉकमेकर्स फर्जी वीडियो, चुनाव में हस्तक्षेप और महत्वपूर्ण इंफ्रास्टक्चर पर अटैक आदि जैसे खतरनाक हमलों से सिक्योरिटी चाहते हैं। एलन मस्क का AI को दोधारी तलवार बताना AI के खतरे को साफ दर्शाता है। चलिए जानते हैं AI के ऐसे ही कुछ खतरों के बारे में।
वेपन्स:
एआई बेहद ही खतरनाक साबित हो सकता है। यह बेहद ही फायदेमंद हैं लेकिन हैकर्स ने इसे भी जोखिम भरा बना दिया है। हैकर्स, एआई के जरिए कई अटैक्स प्लान करते हैं और लोगों की डिवाइसेज पर हमला करते हैं।
जॉब:
AI को मार्केटिंग, मैन्यूफैक्चरिंग और हेल्थकेयर में अपनाया जा रहा है। ऐसे में ऑटोमेशन जॉब्स को लेकर परेशानी बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 से 2025 तक ऑटोमेशन जॉब्स के चलते कई लोगों को जॉब से हाथ धोना पड़ सकता है। हालांकि, एआई रोबोट ज्यादा स्मार्ट हो गए हैं और किसी भी काम को करने के लिए पहले से कम लोगों की जरूरत पड़ती है जो एक चिंता का विषय है। 2025 तक, AI 97 मिलियन नई नौकरियां देगा लेकिन अगर व्यवसाय खुद को अपस्किल नहीं करेंगे तो कर्मचारी पीछे रह जाएंगे।
प्राइवेसी को लेकर चिंता:
वर्तमान में किसी व्यक्ति की ऑनलाइन और ऑफलाइन एक्टिविटी पर नजर रखना और उसका विश्लेषण करना संभव है। जैसे कि अब हर जगह कैमरे लगे हुए हैं और फेस डिटेक्शन एल्गोरिदम आपकी पहचान कर सकते हैं। अब जब तकनीक इतनी एडवांस हो गई तो ये एल्गोरिदम न सिर्फ आपको ट्रैक कर सकती है बल्कि विश्लेषण भी कर सकती है। इसलिए वो इस डाटा का इस्तेमाल आपके विरुद्ध कर सकती है।