मध्यप्रदेश के छह शहरों में चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें, इंदौर में सबसे ज्यादा 150
भोपाल
शहरों में सिटी बस सेवाओं के बुनियादी ढांचे के विस्तार और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर में 552 ई-बसों का संचालन सार्वजनिक निजी भागीदारी पद्धति पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में योजना का स्वीकृति दी गई। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना की अवधि दो वर्ष (2022-23 से 2023-24) से बढ़ाकर तीन वर्ष (2024-25 तक) करने के साथ 1,100 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई।
केंद्र सरकार उपलब्ध कराएगी बसें
बैठक में शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के संबंध में केंद्र सरकार की योजना के लिए राज्य स्तरीय संचालन समिति को स्वीकृतियां, क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए अधिकृत किया गया है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि बसें केंद्र सरकार उपलब्ध कराएगी और 12 वर्षों तक रखरखाव की जो लागत आएगी, वह भी केंद्र द्वारा ही दी जाएगी। वहीं, मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना का विस्तार 2024-25 तक करने के साथ करते हुए, योजना लागत को बढ़ाकर 1100 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई। इससे नगरीय निकायों में विभिन्न अधोसरंचना विकास के कार्यों को स्वीकृति दी जाएगी।
10,373 करोड़ रुपये से अधिक की सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति
बैठक में 10,373 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिए स्वीकृति दी गई। मंदसौर जिले में 60 करोड़ रुपये लागत की ताखाजी सूक्ष्म दबाव सिंचाई परियोजना, राजगढ़ जिले की मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति और सीधी जिले में 4167 करोड़ 93 लाख रुपये लागत की सीतापुर हनुमना माइक्रो सिंचाई परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। वहीं, सिवनी एवं बालाघाट जिले की संजय सरोवर परियोजना की नहरों का विस्तार, नवीनीकरण और आधुनिकीकरण 332 करोड़ 54 लाख रुपये में होगा। इससे 11 हजार 450 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना अंतर्गत बहुती नहर को माइक्रो सिंचाई परियोजना में परिवर्तित करने की सैद्धांतिक अनुमति भी दी है।