चुनाव आयोग ने जारी की आयोग्य हुए उम्मीदवार की सूची
भोपाल
मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कई ऐसे जनप्रतिनिधि इस बार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। चुनाव आयोग ने मध्यपदेश के 82 उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित किया है। ये वह उम्मीदवार है जिन्होंने पूर्व में हुए चुनावों में जनता के बीच अपनी किस्मत तो आजमाई, लेकिन चुनाव लड़ने में कितना खर्चा किया? इसका लिखित ब्यौरा समय पर आयोग को नहीं दिया। लिहाजा चुनाव आयोग ने इन सभी प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहरा दिया है। आयोग द्वारा जारी की गई सूची में मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा 82 प्रत्याशी है, जिन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया है।
इन विधानसभा में इतने आयोग्य हुए उम्मीदवार
धार, खजुराहो, बड़Þवानी, चुरहट, जतारा, सिवनी, मऊगंज, गुना, सीधी, सीहोर, निवाड़ी, मैहर, करैरा, चितरंगी, अमरपाटन, भांड़ेर, देवतालाब, हुजूर, चाचौड़ा, सिरमौर, गंधवानी। (यहां में एक-एक प्रत्याशी को अयोग्य किया गया)
ग्वालियर साउथ, सिंगरौली, रामपुर बघेलान, खंडवा, सीधी, बम्हौरी, नागौद, पृथ्वीपुर, कोलारस, विजयपुर। (दो-दो प्रत्याशी को अयोग्य )
बुधनी, सिहावल, इच्छावर, जबलपुर उत्तर (यहां 3-3 प्रत्याशी अयोग्य)
सतना, बदनावर, सेमरिया (इनमें 4-4 प्रत्याशी अयोग्य किए)
खुरई में 5 और धौहनी में 6 प्रत्याशी को अयोग्य किया गया।
ये है अयोग्य ठहराने का अधिनियम
चुनाव लड़ने के बाद चुनाव में किए गए खर्चे का ब्यौरा नहीं देने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10ए के अतंर्गत ऐसे प्रत्याशियों को अयोग्य ठहराया जाता है। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक लोकसभा और विधानसभा चुनाव में नतीजे घोषित होने के महीने भर के भीतर चुनाव में किए गए खर्चे का पूरा हिसाब देना आवश्यक है। अगर इस समय सीमा में हिसाब नहीं दिया जाता तो चुनाव आयोग ऐसे उम्मीदवारों को कुछ वर्षो के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करता है।