एकनाथ शिंदे-अजित पवार का बढ़ा कद, नए चेहरों को मिली तवज्जो; ऐसा नजर आया NDA का ‘नया वर्जन’
नई दिल्ली
मंगलवार को जहां बेंगलुरु में विपक्षी खेमे ने INDIA नाम के साथ 2024 की लड़ाई का बिगुल फूंक दिया है। वहीं, दूसरी ओर नई दिल्ली में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बैठक हुई। 2019 लोकसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका है जब एनडीए के घटक एक मेज पर साथ आए। इस बार बैठक में एनडीए का बिल्कुल 'नया वर्जन' नजर आया। इस बैठक में छोटे-बड़े मिलाकर कुल 39 दलों के नेताओं ने भाग लिया। खास बात यह रही कि इसमें कई नए चेहरे को तवज्जो मिली, उनमें महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, एनसीपी नेता अजीत पवार और ई पलानीस्वामी प्रमुख रूप से थे। बैठक के दौरान शिंदे और अजीत पवार को पीएम मोदी और अमित शाह के नजदीक जगह दी गई।
विपक्षी दलों की तरह एनडीए ने भी 2024 इलेक्शन को लेकर एक मेज पर साथ आकर मंथन किया। 2019 के चुनावों के बाद एनडीए की यह पहली बैठक थी। बीजेपी नेताओं ने अपने सहयोगियों का जोरदार स्वागत किया। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। मोदी के आगमन पर चार क्षेत्रों और विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं ने प्रतीकात्मक रूप से उनका स्वागत किया। इसमें भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा के अलावा जीतन राम मांझी, नेफ्यू रियो, ई पलानीस्वामी और एकनाथ शिंदे, भाजपा के सभी सहयोगी दलों के नेता थे।
शिंदे-अजीत का कद बढ़ा
एक समूह फोटो सत्र के दौरान, बागी एनसीपी नेता अजीत पवार, शिवसेना नेता और महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे, नगालैंड के सीएम रियो और अन्नाद्रमुक महासचिव पलानीस्वामी पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और नड्डा के साथ अग्रिम पंक्ति में खड़े नजर आए। उन्हें बैठक के दौरान मोदी, शाह, नड्डा, सिंह और गडकरी के पास सीटें दी गईं। वहीं, ई पलानीस्वामी बैठक के दौरान पीएम मोदी के बिल्कुल बगल बैठे नजर आए।
एनडीए की बैठक से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "यह बेहद खुशी की बात है कि पूरे भारत से हमारे मूल्यवान एनडीए साझेदार आज दिल्ली में बैठक में भाग लेंगे। हमारा एक समय-परीक्षणित गठबंधन है जो राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करना चाहता है।" बैठक के दौरान शिंदे द्वारा पेश एक प्रस्ताव में मोदी के नेतृत्व और एनडीए सरकार के कल्याण और विकास कार्यों की सराहना की गई। एआईएडीएमके नेता पलानीस्वामी ने भी इसका समर्थन किया।