कर्नाटक में जीतने वाले सभी नौ मुस्लिम MLA कांग्रेस से, आरक्षण के मुद्दे का असर या कोई और वजह
नई दिल्ली
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में नौ मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की और ये सभी कांग्रेस से हैं। कांग्रेस ने शनिवार को कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटों में से 135 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 66 सीटें हासिल कीं, जिसके चलते उसे राज्य की सत्ता गंवानी पड़ी। चुनाव परिणामों से ऐसा लगता है कि मुस्लिम वोट कांग्रेस के पक्ष में एकजुट हुआ। कर्नाटक के कुल मतदाताओं में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 13 प्रतिशत है। कांग्रेस पार्टी ने मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बहाल करने का वादा किया था, जिसे पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया था।
जेडी-एस ने उतारे थे 23 मुस्लिम उम्मीदवार
उल्लेखनीय है कि हिजाब को लेकर हुए विवाद और केंद्र सरकार द्वारा इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच साल का प्रतिबंध लगाए जाने के बाद राज्य में यह पहला विधानसभा चुनाव था। कांग्रेस ने 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया और उनमें से नौ विजयी हुए। जद (एस) ने 23 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन कोई भी जीत हासिल नहीं कर सका। असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे कुल पड़े मतों का केवल 0.02 प्रतिशत हासिल हुआ था। पीएफआई के राजनीतिक संगठन एसडीपीआई का भी कुछ ऐसा ही हश्र हुआ क्योंकि उसके 16 उम्मीदवारों में से कोई भी खाता नहीं खोल सका।
यह हैं विजेता उम्मीदवार
कांग्रेस के रहीम खान ने बीदर से 10,659 मतों के अंतर से जीत हासिल की, मैंगलोर में यू टी खादर फरीद ने 22,977 मतों से जीत हासिल की, नरसिम्हाराजा (मैसूरु) से तनवीर सैत ने 31,091 मतों से, बेलगावी उत्तर से आसिफ (राजू) सैत 4,551 मतों से जीते, शिवाजीनगर से रिजवान अरशद ने 23,198 मतों से, चामराजपेट में बी जेड जमीर अहमद खान 53,983 मतों से जीते, रामनगरम में एच ए इकबाल हुसैन 10,846 मतों से जीते, शांति नगर में एन ए हारिस 7,070 मतों से जीते और गुलबर्गा उत्तर से कनीज फातिमा ने 2,979 मतों के अंतर से जीत दर्ज की है। गुलबर्गा उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक फातिमा कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारी गई एकमात्र मुस्लिम महिला उम्मीदवार थीं। इन नौ मुस्लिम उम्मीदवारों में से केवल दो – आसिफ (राजू) सैत और इकबाल हुसैन – फिर से निर्वाचित हुए हैं। बाकी सात पहली बार विधानसभा पहुंचेंगे।