भोपालमध्यप्रदेश

सीएम राइज और संस्कृत आदर्श विद्यालय के सवाल पर उलझे शिक्षा मंत्री परमार

भोपाल

विधानसभा में मंगलवार को शिक्षा मंत्री विपक्ष के सवालों में घिर गए। यहां तक कि मंत्री नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव भी कांग्रेस विधायक के सवालों के साथ दिखे। दरअसल विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सबसे पहला सवाल विधायक उमाकांत शर्मा ने पूछा कि प्रदेश के किन जिलों में सीएम राइज स्कूल और संस्कृत आदर्श विद्यालय खोले गए हैं। सिरोंज और लटेरी में सीएम राइज स्कूल और संस्कृत आदर्श विद्यालय के निर्माण व इसके लिए स्वीकृति राशि, तय स्थान, शिक्षकों, अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना की जानकारी भी चाही गई। इसे लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री परमार के वाजब से विधायक शर्मा संतुष्ट नहीं हुए और विधानसभा अध्यक्ष से संरक्षण मांगा।

उन्होंने मंत्री पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2013 से 2023 आ गया लेकिन संस्कृत विद्यालय के लिए जमीन तय नहीं हो सकी है। शर्मा ने डीपीआर बनाने वालों पर कार्यवाही की भी मांग रखी। इस पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव ने विधायक शर्मा का साथ दिया और कहा कि वे खुद जाकर देखेंगे कि क्या स्थिति है? दोनों ही मंत्रियों ने स्कूल शिक्षा मंत्री परमार से विधायक द्वारा उठाए गए मुद्दे का समाधान करने को कहा। शर्मा ने अध्यक्ष को संबोधित कर यहां तक कहा कि मैं गिड़गिड़ा रहा हूं। आपकी शरण में हूं, समस्या का समाधान कराइए।

  इसी दौरान विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने सीएम राइज स्कूलों के भवन न बन पाने और इसके प्रचार पर खर्च होने वाली राशि का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि जब भवन बनाने का पैसा नहीं था तो प्रचार में क्यों करोड़ों रुपए खर्च कर दिए। मंत्री बताएं कि कब भवन बनेंगे और प्राचार्य कब तक स्कूलों में आ जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास न स्कूलों के भवन हैं न खेल मैदान और न ही प्राचार्य हैं। स्कूली छात्रों का भविष्य अंधकार मय कर दिया है। इस पर मंत्री नरोत्तम ने कहा कि जब विधायक सज्जन मंत्री थे तो पेड़ के नीचे स्कूल लगते थे और पांच सौ रुपए में टीचर नियुक्त थे। इन्हें अच्छे काम की तारीफ करना नहीं सिर्फ आलोचना करना आता है।

बीजेपी विधायक ने उठाया सवाल …और घिरते गए मंत्री परमार
विधानसभा में मंगलवार को सीएम राइज स्कूलों के निर्माण में देरी, स्कूल भवन के लिए जमीन चयन और प्राचार्यों की कमी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने सरकार को जमकर घेरा। बाद में मंत्री नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव ने स्थिति को संभाला। बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा कि सिरोंज में खंती में स्कूल बनाने के लिए जमीन का चयन किया गया है तो कांग्रेस विधायक सज्जन वर्मा ने कहा कि स्कूल खोलने के मामले में पक्षपात किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह ने भी कहा कि कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र में स्कूल नहीं खोले जा रहे।

स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि 14 माह में स्कूल भवन बन जाएंगे और प्राचार्यों की नियुक्ति भी जल्दी कर दी जाएगी।

सात माह बाद बदल जाएगी स्थिति सबकी मांग पूरी होगी: कमलनाथ
प्रश्नोत्तर काल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में हालात बुरे हैं। अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं, बिजली  के खंबों में तार नहीं हैं। हर ओर दिक्कत है लेकिन विधायक  चिंता न करें। सात माह बाद स्थिति बदलने वाली है फिर सबकी बातें सुनी जाएंगी। इस पर मंत्री नरोत्तम ने कहा आप दिन में सपना देख रहे हैं। खंबों में तार न होने की बात कहकर आप पूर्व सीएम दिग्विजय के कार्यकाल की याद दिला रहे हैं।

विधायक सज्जन वर्मा ने कहा कि 2018 में जनता बीजेपी को आईना दिखा चुकी है। विजय लक्ष्मी साधो ने कहा कि अभी भी चोर दरवाजे से आई सरकार बनी है। इस पर कुछ विधायकों ने कहा कि प्रश्नोत्तर काल का समय हास परिहास में जाया किया जा रहा है।

बीबीसी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर भिड़े नेता प्रतिपक्ष और मंत्री नरोत्तम
नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह ने सदन में सोमवार को बीबीसी के विरुद्ध पारित किए गए अशासकीय संकल्प की प्रक्रिया का विरोध किया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कल सदन में नेता प्रतिपक्ष मौजूद थे तो विरोध क्यों नहीं किया? सिंह ने कहा कि उन्होंने विरोध किया था। सदन से बहिर्गमन की भी बात कही। मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के लोग हमारा विरोध करते करते देश का विरोध करने लगे हैं।

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