राजधानी दिल्ली के इस अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल, सर्जरी भी रुकी, जानिए इसके पीछे की वजह
नईदिल्ली
ताहिरपुर गांव स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल में सैलरी न मिलने की वजह से डॉक्टरों ने आज ओपीडी का पूरी तरह से बहिष्कार किया। इस दौरान अस्पताल में आ रहे मरीजों को बिना इलाज के ही लौटना पड़ा। डॉक्टरों का आरोप है कि पिछले तीन महीने से अस्पताल के किसी भी स्टाफ को सैलरी नहीं मिली है। इस वजह से एक-एक दिन निकालना मुश्किल हो गया है। कई बार अधिकारियों को पत्र लिख कर रेजिडेंट डॉक्टर्स की परेशानियों से अवगत कराया गया। मगर, उनकी तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिसके बाद डॉक्टर ने ओपीडी को बंद करने का निर्णय लिया है।
रेजिडेंट डॉक्टर अरुण कुमार ने बताया कि बुधवार को सांकेतिक प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद भी संबंधित अधिकारियों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। न ही बताया गया कि हमारी बकाया सैलरी कब तक दी जाएगी। ऐसे में आज सुबह से ही ओपीडी को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया। साथ ही सर्जरी भी नहीं होगी। बताया कि पिछले तीन दिन सर्जरी पूरी तरह से बंद है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन एक हजार करीब मरीज ओपीडी में चेकअप के लिए आते है। वहीं, रोजाना 12 से 15 मरीजों की सर्जरी होती है। ऐसे में मरीजों को परेशानी होगी। लेकिन, हमारे पास भी कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
जल्द मिलेगा वेतन
अस्पताल प्रशासन ने रेजिडेंट डॉक्टरों के दावे से इनकार किया और कहा कि सर्जरी सीनियर सदस्यों की ओर से की गई थी और ओपीडी भी उन्हींने देखी थी। अस्पताल के उप-चिकित्सा अधीक्षक और हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. गौरव सिंघल ने गुरुवार को हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि धन की कमी के कारण रेजिडेंट डॉक्टरों को वेतन नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, 'अब पैसा जमा किया जा रहा है, क्योंकि हमें दोपहर में दिल्ली सरकार से धन प्राप्त हुआ है और उन्हें आज या कल तक वेतन मिल जाएगा।' उन्होंने कहा कि पहले उन्हें दो महीने का बकाया मिलेगा और तीसरे महीने का वेतन अगले सात दिनों में जमा किया जाएगा।
जल्द सब पटरी पर लौटेगा
डॉ. सिंघल ने हालांकि स्वीकार किया कि कुछ विभागों में वरिष्ठ संकाय डॉक्टरों की कमी के कारण सर्जरी और ओटी कम संख्या में हो रही थीं। उन्होंने दावा किया कि प्रमुख सर्जरी बाधित नहीं हुई हैं, क्योंकि वे वरिष्ठ डॉक्टरों की ओर से की जाती है और रेजिडेंट डॉक्टर केवल उनकी सहायता करते हैं। इस बीच, अस्पताल प्रशासन ने कहा कि कार्डियोलॉजी मशीनें खराब हैं और कार्डियोलॉजी मामले प्रभावित हो रहे हैं। मशीनों को ठीक करने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही, धन की कमी के कारण कई मशीनें खराब हैं। एक प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, 'एक बार जब हमें उचित धन प्राप्त होगा, तो हम इन मशीनों को वापस पटरी पर लाने में सक्षम होंगे।'