रायपुर
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि राजनांदगांव जिले के छुरिया ब्लॉक के गैंदाटोला क्षेत्र के टिपानगढ़ से सामाजिक बहिष्कार की एक घटना सामने आई है जिसमें एक परिवार ने ग्रामीणों द्वारा सामाजिक बहिष्कार से परेशान होकर खुद को मकान में ही बंद कर लिया, बताया जाता है कि टिपानगढ़ के साहू परिवार की सदस्य सुखबती बाई, चेतन साहू और 7 साल की खुशबू साहू ग्रामीणों के द्वारा बहिष्कार से परेशान होकर कई दिनों से मकान में बंद थी। कई दिनों तक घर का दरवाजा न खुलने पर बाद सभी को गम्भीर हालत में छुरिया सामुदायिक अस्पताल लाया गया, जहां 50 साल की सुखबती की उपचार के दौरान मौत हो गई।
डॉ. मिश्र ने आगे ककहा कि सामाजिक बहिष्कार के कारण विभिन्न स्थानों से आत्महत्या, हत्या, प्रताडऩा व पलायन की खबरें लगातार समाचार पत्रों में आती रहती है। इस संबंध में अब तक कोई सक्षम कानून नहीं बन पाया है इसलिए ऐसे मामलों में कोई उचित कार्यवाही नहीं हो पाती है न ही रोकथाम का कोई प्रयास होता है। सामाजिक बहिष्कार के मामलों के आँकड़े कको लेकर नेशनलक्राइम रिकार्ड ब्यूरो, राज्य सरकार, पुलिस विभाग के पास कोई अब तक रिकार्ड जानकारी नहीं है ऐसी जानकारी सूचना केअधिकार के अंतर्गत प्राप्त हुई है। जबकि ऐसी घटनाएँ लगातार होती है। इस संबंध में सामाजिकक बहिष्कार प्रतिषेध अधिनियम को विधानसभा सत्र में सामाजिक बहिष्कार के संबंध में सक्षम ककानून बनाने के लिए पहल करें ताकि अनेक प्रताड़ितों को न्याय मिल सके।