विदेश

न्यायाधीश की बेटी पर पोस्ट कर फंसे डोनाल्ड ट्रंप, मैनहट्टन के वकीलों ने लगाया गैग का उल्लंघन करने का आरोप

वाशिंगटन.

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। वह कई मुकदमे में अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। इस बार हश-मनी मामले में डोनॉल्ड ट्रंप मुश्किल में पड़ते नजर आ रहे हैं। दरअसल, मैनहट्टन अभियोजकों ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि ट्रंप ने हाल ही में न्यायाधीश की बेटी पर हमला करके और सोशल मीडिया पर उसके बारे में झूठा दावा करके एक गैग आदेश का उल्लंघन किया हैं।

न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन ने मंगलवार को जांच का एक आदेश जारी किया था। साथ ही पूर्व राष्ट्रपति को अदालत से जुड़े कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों पर हमलों से तुरंत बचने का निर्देश दिया गया था।अब मैनहट्टन जिला अटॉर्नी के कार्यालय ने गैग आदेश के दायरे को स्पष्ट करने के लिए कहा है। सहायक जिला अटॉर्नी जोशुआ स्टींगलास ने मर्चन को लिखे एक पत्र में तर्क दिया कि अदालत के कर्मचारियों या उनके परिवारों को परेशान करने वाले बयानों पर प्रतिबंध लगाने से ट्रंप की बयानबाजी बंद हो सकती है।उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप अगर आगे उल्लंघन करते हैं तो उन्हें सजा दी जानी चाहिए।

ट्रंप के वकीलों का यह तर्क
इस पर ट्रंप के वकीलों ने तर्क दिया कि जिला अटॉर्नी का कार्यालय आदेश की गलत व्याख्या कर रहा है। यह आदेश उन्हें एक राजनीतिक सलाहकार लॉरेन मर्चन के बारे में टिप्पणी करने से नहीं रोकता है। बता दें, लॉरेन ने ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रपति जो बाइडन और अन्य डेमोक्रेट के लिए अभियानों पर काम किया है। ट्रंप के वकील टॉड ब्लैंच और सुसान नेशेल्स ने अभियोजन पक्ष के पत्र के जवाब में मर्चन को लिखा, 'अदालत राष्ट्रपति ट्रंप को ऐसा कुछ करने का निर्देश नहीं दे सकती, जहां गैग आदेश की जरूरत नहीं है। गैग ऑर्डर के अर्थ को स्पष्ट या पुष्टि करने के लिए जिस तरह से लोग सुझाव देते हैं, उसका विस्तार करना होगा।

यह है मामला
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर बुधवार को एक पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि मर्चन ट्रंप को लाने के लिए पैसे बनाने का काम कर रही हैं। साथ ही ट्रंप ने गलत तरीके से उन्हें सलाखों के पीछे दिखाते हुए एक फोटो पोस्ट करने का आरोप लगाया। वहीं, न्यूयॉर्क की स्टेट कोर्ट सिस्टम के एक प्रवक्ता का कहना है कि ट्रंप का दावा झूठा है। वह जिस सोशल मीडिया अकाउंट का जिक्र कर रहे हैं, वह अब लॉरेन मर्चन का नहीं है। आपको बता दें कि किसी को ब्लैकमेल करने या मुंह बंद करने के लिए दी जाने वाली राशि को ‘हश-मनी’ कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक न्यूयॉर्क के एक न्यायाधीश ने डोनाल्ड जे. ट्रंप के उस प्रयास को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने एक पोर्न स्टार को चुपचाप पैसे देकर उनके खिलाफ लगाए गए आपराधिक आरोपों को खारिज करने की मांग की थी। इस मामले में अब अगले महीने के लिए सुनवाई की तारीख तय की गई है।  न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन ने लोअर मैनहट्टन अदालत कक्ष में सुनवाई के दौरान इस निर्णय की घोषणा की, जब ट्रंप बचाव पक्ष की मेज से कार्यवाही को देख रहे थे।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button