डॉक्टर बना राक्षस: इलाज के दौरान सर्जन ने 82 साल की बुजुर्ग को मारे घूंसे, वीडियो में माफ़ी मांगता दिखा
बीजिंग.
अक्सर कहा जाता है कि भगवान डॉक्टर का दूसरा रूप होते हैं। लोग अपनी समस्या का इलाज ढूंढने के लिए या तो भगवान के द्वार पर जाते हैं या डॉक्टर के पास। लेकिन अगर इन्हीं का खतरनाक रूप सामने आ जाए तो खौफनाक होगा। चीन के एक अस्पताल का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक सर्जन इलाज के दौरान 82 साल के बुजुर्ग महिला को मुक्का मारता दिखाई दे रहा।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन में एक बुजुर्ग महिला आंख की सर्जरी के लिए अस्पताल आई थी। उसे डॉक्टर ने एनेस्थीसिया दिया। इसके बावजूद बुजुर्ग महिला लगातार अपनी स्थानीय बोली में बात कर रही थी। सर्जरी के दौरान डॉक्टर की चेतावनियों को भी समझ नहीं पा रही थी। इसी पर सर्जन भड़क गया और महिला के सिर पर कम से कम तीन-चार मुक्के मार दिए।
कोविड से पहले की घटना
यह चौंकाने वाली घटना 2019 में चीन के गुइगैंग के एक अस्पताल में हुई थी। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी। घटना का वीडियो डॉक्टर आई फेन ने हाल ही में साझा किया था, जिसके बाद यह वायरल हो गया। बता दें, फेन वहीं डॉक्टर हैं, जिन्होंने वुहान में फैले कोविड के बारे में सबसे पहले लोगों को अलर्ट किया था।
अस्पताल ने की सफाई पेश
मामले को बढ़ते देख अस्पताल ने सफाई पेश की। कहा गया कि मरीज को सर्जरी के लिए एनेस्थीसिया दिया गया था, लेकिन वह फिर भी अपनी स्थानीय भाषा में बात करती रहीं। इसके अलावा, वह सर्जरी के दौरान अपने सिर और आंखों की पुतलियों को भी हिलाती रही। वह बार बार आंखों को छूने की कोशिश कर रही थी। उसके आंखें छूने से संक्रमण का कारण बन सकता था। डॉक्टर खतरे से बचना चाहते थे, इसलिए उसे बार-बार इससे मना कर रहे थे। डॉक्टरों ने जब मंदारिन में उन्हें मना किया तो वह समझ नहीं पाईं। ऐसे में डॉक्टर को इलाज करने में बहुत परेशानी आई। उन्होंने आपातकालीन स्थिति में मरीज का इलाज किया।
लोगों में गुस्सा
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि महिला के माथे पर चोट के निशान हैं। वहीं, वीडियो वायरल होने पर लोगों में गुस्सा भड़क गया। एक बुजुर्ग महिला के साथ ऐसा व्यवहार देखकर हर कोई गुस्से में हैं। लोगों की नाराजगी देखते हुए अस्पताल ने सर्जन को निलंबित कर दिया। साथ ही इस सप्ताह अस्पताल के सीईओ को भी बर्खास्त कर दिया गया। अस्पताल ने बुजुर्ग महिला से माफी मांगते हुए उसे 500 युआन यानी 5,800 रुपये का मुआवजा दिया। हालांकि, महिला के बेटे ने दावा किया कि बुजुर्ग को एक आंख से दिखाई नहीं देता है, लेकिन ऐसी कोई मेडिकल रिपोर्ट नहीं है जो बताती हो कि यह घटना के कारण हुआ था।