बगल में आता पसीना तो करें ये काम
गर्मी के मौसम का सबसे बड़ा सिरदर्द होता है पसीना। चाहे कितने ही अच्छे कपड़े पहन लें, लेकिन ये पसीना कहीं भी अच्छे से हाथ उठाने लायक नहीं छोड़ता। ये परेशानी खासतौर से उन लोगों के लिए आफत बनकर आती है, जिन्हें बहुत ज्यादा स्वेटिंग होती है। इस स्थिति से निपटने के लिए लोग न जाने क्या-क्या तरकीबें अपनाते हैं, लेकिन इनके सफल होने की कोई गैरन्टी नहीं होती।
क्यों आता है ज्यादा पसीना?
बहुत ज्यादा पसीना आने और उससे निपटने के तरीकों के बारे में जानकारी। हद से ज्यादा पसीना आना मेडिकल टर्म में हाइपरहाइड्रोसिस कहलाता है। ये स्थिति दो वजह से हो सकती है। पहली, प्राकृतिक रूप से शरीर पर ज्यादा पसीना बनना और दूसरी, बाहरी परिस्थितियों के चलते एक्सेसिव स्वेटिंग होना।
क्या होता है हाइपरहाइड्रोसिस की स्थिति में?
कई बार हाइपरहाइड्रोसिस शरीर के किसी विशेष भाग को ज्यादा प्रभावित करता है, जिसका अर्थ ये है कि उस जगह पर अन्य भागों के मुकाबले अधिक पसीना आता है। इसमें सबसे कॉमन बॉडी पार्ट अंडरआर्म्स होते हैं। इसके अलावा हाथों व पैरों पर भी ज्यादा स्वेटिंग की परेशानी हो सकती है।
लगाएं ये डियोडोरेंट्स
ये पूरी स्थिति बहुत ही शर्मिंदगी पैदा कर सकती है। कई बार तो ये आत्मविश्वास पर असर डालते हुए आम जीवन को भी प्रभावित कर देती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए डॉक्टर किरण ने एंटीपर्सपिरेंट डियोडोरेंट इस्तेमाल करने की सलाह दी।
इसमें उन्होंने मिनरल्स बेस्ड और अरारोट पाउडर बेस्ड डियोडोरेंट्स को बेस्ट ऑप्शन बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि इन एंटीपर्सपिरेंट का इस्तेमाल दिन में दो बार करें।
ये ट्रीटमेंट करेंगे पसीने को कम
डॉक्टर किरण ने कुछ ट्रीटमेंट्स के बारे में भी बताया, जो ज्यादा पसीना आने की समस्या को कम कर सकते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि हाइपरहाइड्रोसिस से जूझ रहे लोग बोटॉक्स और रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रीटमेंट भी ले सकते हैं। वहीं उन्होंने बगलें धोने के लिए बेंजॉल बेस्ड वॉश को इस्तेमाल करने की सलाह दी, जो पसीने की बदबू को कम करने में मदद करेगा।