भूलकर भी न करें माघ पूर्णिमा के दिन ये 5 काम, पितर होंगे नाराज!
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. इस बार माघ पूर्णिमा 24 फरवरी को पड़ रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्नान दान के साथ भगवान विष्णु के उपासना का विशेष महत्व है. इसके अलावा इस दिन हवन, पूजन और दुसरे धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से जीवन के सारे पाप नष्ट हो जाते है और पितृ भी प्रसन्न होते है. आइये जानते है काशी के ज्योतिषाचार्य से माघ पूर्णिमा के दिन क्या कुछ नहीं करना चाहिए.
माघ पूर्णिमा के दिन कई सारी चीजों से लोगों को परहेज करना चाहिए.शास्त्रों में इसकी मनाही भी है.इस दिन भूलकर भी देर तक नहीं सोना चाहिए. इससे व्यक्ति देव कृपा से दूर हो जाता है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना और स्नान करना ही श्रेष्ठ है.
बाल नाखून न काटे
इसके अलावा इस दिन बाल,नाखून काटने से भी लोगों को परहेज करना चाहिए. इससे पितर नाराज होते है और माता लक्ष्मी भी रूष्ट हो जाती है.
काले वस्त्र से करें परहेज
माघ पूर्णिमा के दिन काले वस्त्र भी नहीं धारण करना चाहिए.ज्योतिष शास्त्र में ऐसी मान्यता है कि काले वस्त्र पहनने से नकरात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
तामसी भोजन न करें
इस दिन मनुष्य को शुद्ध और उसके सात्विक भोजन करना चाहिए. इस दिन भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से भी माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है.
अपशब्द बोलने से बचे
इस दिन अपनों से बड़े का अपमान नहीं करना चाहिए. इससे साथ ही झूठ बोलने से परहेज करना चाहिए और किसी को भी अबशब्द नहीं बोलना चाहिए.
माघ पूर्णिमा का महत्व (Magh Purnima Importance)
माघ पूर्णिमा के दिन पूजा, जप, तप और दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. साथ ही मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है. माघ पूर्णिमा कितनी खास है, इसका उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है. माना जाता है कि माघ पूर्णिमा पर स्वर्ग से देवी-देवता रूप बदलकर पृथ्वी पर आते हैं और प्रयागराज में गंगा स्नान करते हैं. यह भी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से भक्तों की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. साथ ही दुख-दर्द और बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है.
धार्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व माना गया है. लेकिन इस साल की माघ पूर्णिमा और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इस दिन कई दुर्लभ योग एक साथ बन रहे हैं. माघ पूर्णिमा पर अश्लेषा नक्षत्र में चंद्रमा, गुरु और शनि तीनों ग्रह अपनी ही राशि में मौजूद होंगे. इसके साथ ही माघ पूर्णिमा पर अति दुर्लभ रवि पुष्य योग भी बन रह रहा है. रविवार को जब पुष्य योग बनता है तो इसे रवि पुष्य योग कहते हैं. इस बार की माघ पूर्णिमा 5 फरवरी यानी रविवार को है. इन शुभ योग में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय बेहद फलदायी माने जाते हैं.
माघ पूर्णिमा पर जरूर करें ये काम (Magh Purnima ke kaam)
माघ पूर्णिमा पर संगम तट, पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान करने का विशेष महत्व है. इसलिए इस दिन गंगा समेत किसी भी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान जरूर करना चाहिए. अगर संभव ना हो तो घर में ही गंगा, यमुना या सरस्वती किसी नदी के जल को पानी में मिलाकर ब्रह्म मुहूर्त स्नान कर सकते हैं. ऐसा करने से जातक के पिछले जन्म के पाप भी धुल जाते हैं.
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का खास महत्व है. पूर्णिमा पर इनकी पूजा करने से भक्तों पर उनकी कृपा बरसती है और उसके जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं.
इस दिन सत्यनारायण की भगवान की पूजा और कथा करने का भी विधान है. माघ पूर्णिमा के दिन घी का अखंड दीपक लगाएं और फिर भगवान सत्यनारायण की कथा करें. मान्यता है इससे भक्तों पर माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है.
माघ पूर्णिमा पर रवि पुष्य योग बन रहा है जिसमें सोना खरीदना शुभ माना जाता है. इस दिन सोना खरीदने के बाद उसे अपने घर मंदिर में मां लक्ष्मी को अर्पित करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपके धन में बरकत करती हैं.
रवि पुष्य में भगवान कृष्ण की पूजा करना भी शुभ है. पूजा के बाद भगवान कृष्ण को बेसन या फिर बूंदी के लड्डू का भोग लगाना चाहिए. इस उपाय को करने से संतान प्राप्ति में आ रही बाधा दूर होती है और धन प्राप्ति भी होती है.
माघ पूर्णिमा पर गंगाजल से स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का दूध और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद श्रीसूक्त या फिर कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी का कृपा हमेशा जातक पर रहती है.
माघ पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है. पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है. माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर दूध मिश्रित जल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं. ऐसा करने से आपको भगवान विष्णु के साथ ही पितृगणों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
पूजा पाठ करने के बाद इस दिन ब्राह्मणों और गरीबों को दान-पुण्य करना भी बहुत फलदायी होता है. दान करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और वैवाहिक जीवन की परेशानियों का अंत होता है.धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को तिल, कंबल, घी, फल आदि चीजों का दान कर सकते हैं.