- सभी वर्गो के लिए हो रहा वरदान साबित
- हितग्राहियों ने एमआरपी मूल्य 02 करोड़ 18 लाख 15 हजार 756 रूपए की दवाई खरीदी 85 लाख 95 हजार 429 रूपए में
- धनवंतरी योजना से 29 हजार 250 हितग्राही हुए लाभान्वित
- बाजार में अधिक कीमत में मिलने वाली दवा धनवंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर में बहुत ही कम रुपए में मिल रही है
कवर्धा
धनवंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर के खुलने से अब आम नागरिकों को मंहगी दवाईयों से राहत मिलने लगी है। छत्तीसगढ़ शासन की पहल पर धनवंतरी जेनरिक मेडिकल के प्रारंभ होने से सस्ती दर पर मिल रही गुणवत्तापूर्ण दवाओं का सीधा लाभ आम नागरिकों को मिल रहा है। गरीब वर्ग जहां महंगी दवाई खरीदने में अपने पैसे की बचत नहीं कर पाते थे। इससे अब निजात मिली है। मेडिकल स्टोर में दवाईयां निजी मेडिकल स्टोर एवं बाजार में मिलने वाली दवाओं की कीमत की तुलना में 50 से 70 प्रतिशत से भी कम मूल्य पर मिलती है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि राज्य शासन द्वारा धन्वंतरी जेनेरिक दवाई दुकान का शुभारंभ किया गया है। जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स में 300 से अधिक मेडिसिन, सनफॉरमा, सिप्ला, मेनकाइन्ड, डॉक्टर रेडडी इत्यादि, सर्जिकल आइटम, छत्तीसगढ़ हर्बल प्रोडक्ट उपलब्ध हैं। जिले में अब तक 85 लाख 95 हजार 429 रूपए की दवाई का विक्रय किया गया है। जिसका एमआरपी मूल्य 02 करोड़ 18 लाख 15 हजार 756 रूपए है। इस योजना के तहत 29 हजार 250 हितग्राही लाभान्वित हुए है। इससे हितग्राहियों को 1 करोड़ 32 लाख 20 हजार 327 रूपए की बचत हुई है। कबीरधाम जिले के 6 नगरीय निकायों में धनवंतरी मेडिकल स्टोर का संचालन किया जा रहा है, जिससे नागरिकों को सस्ते दाम पर दवाइयां उपलब्ध हो रही है। संचालित मेडिकल स्टोर में सर्दी, खांसी, बुखार, ब्लड प्रेशर जैसी आम बीमारियों के साथ-साथ गंभीर बीमारियों की जेनेरिक दवाएं, एंटीबायोटिक, सर्जिकल आइटम, वन विभाग के संजीवनी के उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन उत्पाद और शिशु आहार भी उपलब्ध है। कवर्धा सहित नगर पंचायत बोड़ला, पाण्डातराई, पंडरिया, सहसपुर लोहारा और पिपरिया में भी जेनेरिक मेडिकल स्टोर संचालित है।
ग्राम मोहगांव निवासी लक्षमण सिंह ने बताया कि माताजी बी.पी. और शुगर के मरीज है। उनके लिए प्रतिमाह धनवंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर से दवाई ले जाती है। उन्होंने बताया कि निजी मेडिकल दुकानों में इन दवाईयों का एमआरपी लगभग 1550 है। लेकिन धनवंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर में उन्हें यह दवाई 52 प्रतिशत डिस्काउट के साथ 744 रूपए में मिल जाती है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि शासन की यह योजना सभी के लिए लाभकारी है। कम मूल्य में दवाई मिलने से आर्थिक बचत हो रही है। प्रशांत शर्मा ने धनवंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर में दवाई क्रय करते हुए बताया कि वे नस से संबंधित बीमारी के लिए दवाई लेने आए है। उन्हे यह दवाई सिर्फ 205 रूपए में ही मिल गई। निजि मेडिकल स्टोर में दवाई का मूल्य 429 रूपए है। उन्होंने कहा कि निम्न तबके वर्ग के लिए धनवंतरी जेनरिक मेडिकल स्टोर एक वरदान है। यहां कम मूल्य में दवाई मिलने से आर्थिक बोझ कम हुआ है। यशवंत साहू ने बताया कि उसे प्रोटिन पावडर 216 रूपए में मिला, निजी मेडिकल में दवाई का मूल्य 450 है। उन्होंने बताया कि बाजार में अधिक कीमत की मिलने वाली दवा इस स्टोर में बहुत ही कम रुपए में मिल जाती है। इसी तरह सर्दी बुखार सहित अन्य बीमारियों की भी दवाईयां अन्य मेडिकल स्टोर की तुलना में आधे से कम दाम पर मिल रही है। इससे लोगों का ईलाज कम खर्च पर हो पा रहा है। उन्होंने धन्वंतरी मेडिकल स्टोर योजना की प्रशंसा करते हुए जनहित में छत्तीसगढ़ शासन के इस कदम की सराहना की है।
जरूरतमंदों के लिए बहुत ही लाभदायक है धन्वंतरी योजना
राज्य शासन द्वारा रियायती दर पर दवाईयां उपलब्ध कराने से अनेक जेनेरिक दवाई खरीदने वालों को बचत हो रही है। बचत हुई इस राशि का उपयोग घर-परिवार के अन्य जरूरी कामों में किया जा रहा है। ग्राहकों ने कहा कि सरकार की यह योजना गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बहुत ही लाभदायक है। इससे बहुत ही कम दाम पर दवाईयां मिल रही है।
जनेरिक के साथ-साथ मिल रही संजीवनी और हर्बल के उत्पाद
राज्य शासन द्वारा लोगों को दिए जा रहे निःशुल्क ईलाज के साथ अब 50 से 70 प्रतिशत कम दाम पर जेनेरिक दवाईयां उपलब्ध कराने के लिए धनवंतरी मेडिकल स्टोर योजना का शुभारंभ राज्य शासन द्वारा किया गया है। इन मेडिकल स्टोर्स में 300 प्रकार से अधिक की जेनेरिक दवाईयां तथा 27 सर्जिकल उत्पाद की बिक्री हो रही है। इसके अलावा वन विभाग के संजीवनी के उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन उत्पाद और शिशु आहार आदि का भी विक्रय किया जा रहा है। इन मेडिकल स्टोरों से मिलने वाली जेनेरिक दवाइयां 20 ब्रांडेड कंपनी की है, जो सस्ती होने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण भी हैं। इस योजना से आम नागरिकों को विशेषकर गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों पर दवाईयों में होने वाले खर्च का बोझ कम हो रहा है। उन्हें आधे से कम कीमत पर उच्च क्वालिटी की दवाईयां प्राप्त हो रही है। लोगों को विभिन्न बीमारियों के ईलाज में उपयोगी जरूरी दवाईयों को महंगे दामों पर खरीदने से राहत मिल रही है।