शिंदे के विरोध के बावजूद पवार को मिला वित्त विभाग, जानें कैसे फायदे में है NCP
मुंबई
महाराष्ट्र की सरकार में अजित पवार गुट को कौन से विभाग मिलेंगे? इस सवाल का जवाब लंबे मंथन के बाद तलाश लिया गया है और विभागों का बंटवारा हो चुका है। अजित पवार को उनकी मांग के मुताबिक वित्त और योजना विभाग मिल गया है। इसके अलावा वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को खाद्य आपूर्ति विभाग मिल गया है। धर्मराव बाबा अतराम को ड्रग ऐंड एडमिनिस्ट्रेशन विभाग मिला है। सहकारिता विभाग अजित पवार के बेहद करीबी दिलीप वलसे पाटिल को मिल गया है।
धनंजय मुंडे को कृषि मंत्रालय मिला है। हसन मुशरिफ को मेडिकल शिक्षा विभाग मिला है। अनिल पाटिल के खाते में आपदा प्रबंधन और पुनर्विकास विभाग आ गया है। अदिति तटकरे को महिला एवं बाल विकास मिनिस्ट्री मिल गई है। वहीं संजय बंसोडे को खेल एवं युवा मामले मंत्रालय सौंपा गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ओएसडी ने राज्यपाल से मुलाकात कर मंत्रियों को मिले विभागों की सूची दी थी।
अहम बात है कि अजित पवार को वित्त मंत्रालय ही मिल गया है, जिसकी मांग वह कर रहे थे और शिवसेना खिलाफ थी। अजित पवार ने कहा कि हम सरकार का हिस्सा हैं और जो भी मंत्रालय मिलेंगे, हम उसमें खुशी से काम करेंगे। हमारी ऐसी कोई मांग नहीं है कि यह मिले या फिर कुछ और।
देखें, किस नेता को मिला कौन सा विभाग
वित्त – अजित पवार
कृषि – धनंजय मुंडे
सहकारिता- दिलीप वलसे पाटिल
चिकित्सा शिक्षा – हसन मुश्रीफ
नागरिक आपूर्ति – छगन भुजबल
खाद्य एवं औषधि प्रशासन- धर्मराव अत्राम
खेल एवं युवा मामले – अनिल भाईदास पाटिल
महिला एवं बाल कल्याण – अदिति तटकरे
अजित पवार समेत एनसीपी के कुल 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ 9 जुलाई को ली थी। इस घटनाक्रम के बाद ठीक एक साल बाद महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से भूचाल आ गया था। इससे पहले एकनाथ शिंदे ने 2022 में इसी तरह उद्धव ठाकरे की शिवसेना से बगावत की थी और फिर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। उनकी तरह ही अजित पवार ने बगावत की है और एनसीपी पर भी दावा ठोकते हुए चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल की है। फिलहाल सभी की नजर इसी बात पर है कि अजित पवार गुट के किस नेता को कौन सा विभाग मिलता है। चर्चा इस बात की भी है कि शिवसेना और भाजपा के कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदल सकते हैं।
बिना किसी विवाद के कैसे हुआ सब कुछ?
एनसीपी सूत्रों ने कहा कि अजित के गुट के आने और शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होने से पहले ही व्यवस्था तैयार कर ली गई थी। सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना अजित के खेमे में आने के लिए जरूरी नए सत्ता-समीकरण पर सहमत हो गई है। इस बात पर जोर देते हुए कि सब कुछ सुचारू रूप से हो गया और इन दावों पर हंसते हुए कि कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया गया था और कुर्सी को लेकर खींचतान थी। एनसीपी सूत्रों ने पूछा कि क्या आपको लगता है कि हमने इतना बड़ा फैसला लिया और बिना किसी झगड़े के एक नए गठबंधन में शामिल हो गए। इसमें शामिल सभी प्रासंगिक मुद्दे क्या हैं?
18 जुलाई को एनडीए की बैठक
दरअसल उन्होंने 18 जुलाई को दिल्ली में बुलाई गई एनडीए बैठक में एनसीपी की भागीदारी की भी पुष्टि की। अजीत और प्रफुल्ल पटेल एनसीपी का प्रतिनिधित्व करेंगे जो कि बीजेपी के साथ उनके गठबंधन को मजबूत करने का प्रतीक होगा। लेकिन आगे कैबिनेट विस्तार पर अनिश्चितता अभी भी जारी है। जहां सीएम शिंदे तत्काल विस्तार के इच्छुक हैं, वहीं बीजेपी का विचार है कि यह 17 जुलाई से शुरू होने वाले राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के बाद होना चाहिए।