3 उपमुख्यमंत्री बनाने की उठी मांग, कर्नाटक कांग्रेस में फिर छिड़ेगा संग्राम, शिवकुमार पर लगेगी लगाम?
कर्नाटक
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच वर्चस्व की लड़ाई चलती रहती है। कर्नाटक सरकार के ही एक मंत्री ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में तीन और उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति से कांग्रेस को फायदा हो सकता है। कैबिनेट मंत्री केएन राजन्ना के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें उनके ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर यह पद दिया है।
आपको बता दें कि डीके शिवकुमार कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा, ''मैं इस पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पार्टी आलाकमान ही इसका जवाब दे सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ''हमारी पार्टी के पास आलाकमान है। मुख्यमंत्री ने मुझे डिप्टी सीएम नियुक्त किया है। उनका कुछ मार्गदर्शन है। डिप्टी सीएम बनने की बहुतों की चाहत होगी। हर किसी की चाहत होगी। इसका जवाब देने के लिए लोग मौजूद हैं।'' उन्होंने कहा, ''आपने मेरा राजनीतिक ट्रैक रिकॉर्ड देखा है। आज से नहीं 1985 से ही मेरे संघर्ष के कारण ही पार्टी ने मुझे इस पद पर बैठाया है।''
आपको बता दें कि सिद्धारमैया सरकार में सहकारिता मंत्री राजन्ना ने पहली बार 16 सितंबर को यह विचार सामने रखा था। बुधवार को इसे दोहराते हुए कहा कि वीरशैव-लिंगायत, एससी/एसटी और अल्पसंख्यक समुदायों से उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति से 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की संभावनाओं को बल मिलेगा।
उन्होंने उन बातों को खारिज कर दिया है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उनसे ऐसा कोई विचार लाने के लिए कहा था। मई में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद कर्नाटक में सरकार गठन करने में कांग्रेस को काफी समय लग गया था। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस निर्णय पर पहुंचा था कि शिवकुमार ही एकमात्र डिप्टी सीएम होंगे। आपको बता दें कि शिवकुमार अपने लिए मुख्यमंत्री पद का दबवा बना रहे थे।
तीन और मुख्यमंत्री की नियुक्ति के लिए कैबिनेट के भीतर से आवाज उठने पर सीएम सिद्धारमैया ने रविवार को कहा था कि आलाकमान अंततः इस पर फैसला करेगा। जो भी फैसला होगा वह उसका पालन करेंगे।