पूर्व सैनिक राष्ट्रीय संपत्ति, राज्य सरकारें अपने साथ जोड़ने के नए तरीके ईजाद करें : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
-पूर्व या सेवारत सैनिकों के भूमि विवाद प्राथमिकता के साथ हल करने का आग्रह
-राज्य सरकारों की नौकरियों में आरक्षण का पालन और निगरानी करने की जरूरत
नई दिल्ली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों को राष्ट्रीय संपत्ति बताते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उनके व्यावहारिक अनुभव का लाभ लेने के लिए नए तरीके ईजाद करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में पूर्व सैनिकों के लिए नौकरियों में आरक्षण है, जिसका पूरी तरह से पालन और निगरानी करने की जरूरत है। राजनाथ सिंह ने राज्य सरकारों से पूर्व सैनिकों के साथ-साथ सेवारत कर्मियों के भूमि विवाद के मुद्दों को हल करने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
राजनाथ सिंह नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) की 31वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान उनके कल्याण और पुनर्वास के लिए नीतिगत उपायों के माध्यम से पूर्व सैनिकों की बिरादरी तक पहुंचने के तरीकों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के लिए हमारी स्वास्थ्य योजना ईसीएचएस का तेजी से विस्तार हुआ है और आज पूरे भारत में 30 रीजनल सेंटर, और 427 पॉलीक्लिनिक हैं, जिनसे लगभग 55 लाख पूर्व सैनिक जुड़े हैं। लगभग 60 हजार सैनिक हर साल सेवानिवृत्त होते हैं, इसलिए इन पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों की देखभाल करना हम सबका एक बड़ा दायित्व है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि कई मुद्दों पर राजनीतिक दलों के बीच मतभेद हैं। यह सब लोकतंत्र का हिस्सा है लेकिन जब हमारे सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण की बात आती है तो सभी की हमेशा सामाजिक और राजनीतिक सहमति होती है। जिस तरह सशस्त्र बल पूरे देश की समान रूप से रक्षा करते हैं, उसी तरह हमारी राष्ट्रीय और सामूहिक जिम्मेदारी है कि हमारे पूर्व सैनिक समाज में लौटने पर एक सम्मानित जीवन जीयें। पिछले तीन वर्षों में लगभग 3.16 लाख लाभार्थियों को लगभग 800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में एक लाख हितग्राहियों को करीब 240 करोड़ रुपये वितरित किए गए। रक्षा मंत्री ने कहा कि पैराप्लेजिक रिहैबिलिटेशन सेंटर, किरकी, चेशायर होम, मोहाली और देहरादून, लखनऊ और दिल्ली सहित देश भर के 36 युद्ध स्मारक अस्पतालों को संस्थागत अनुदान दिया गया है।
राजनाथ सिंह ने ईएसएम बिरादरी तक पहुंचने के लिए चलाए जा रहे विशेष जागरुकता और आउटरीच कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला। पूर्व सैनिकों के कल्याण और पुनर्वास के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र को शामिल करने के लिए विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। राजनाथ सिंह ने राज्य सरकारों से पूर्व सैनिकों के साथ-साथ सेवारत कर्मियों के भूमि विवाद के मुद्दों को हल करने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के सचिव विजय कुमार सिंह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों, अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारियों ने विचार-विमर्श में भाग लिया।