CM की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया निर्णय, टोल वसूलेंगे महिला SHG
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में मध्यप्रदेश क्षमता निर्माण नीति 2023 का अनुमोदन कैबिनेट ने किया।भारत सरकार राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति के संदर्भ में राज्य सरकार भी 2001 प्रश्ािक्षण नीति लागू कर चुकी है। इसके बाद केन्द्र सरकार की वर्तमान प्रशिक्षण नीति जो 2012 में लागू हुई थी। उस पर राज्य की प्रशिक्षण नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
प्रदेश की वर्तमान प्रशिक्षण नीति 22 साल पुरानी हो चुकी है जबकि शासकीय सेवकों के भर्ती के तरीके सूचना प्रौद्योगिकी का शासकीय कार्यो में उपयोग विभिन्न कानूनों में परिवर्तन के कारणों से नवीन प्रशिक्षण नीति की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसके लिए महानिदेशक प्रशासन अकादमी द्वारा राज्य की नई प्रशिक्षण नीति तैयार करने के लिए सेवानिवृत्त एवं अनुभवी प्रशासनिक तथा तकनीकी परामर्शी विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया था।
भारत सरकार ने शासकीय सेवकों की क्षमता निर्माण के लिए मिशन कर्मयोगी लागू किया गया है। मिशन कर्मयोगी की अवधारणा एवं विशेषताओं को शामिल करते हुए क्षमता विकास आयोग के सदस्य से परामर्श लेकर राज्य की नवीन क्षमता निर्माण नीति 2023 तैयार की गई है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विभाग के बजट में वेतन मद में उपलब्ध बजट के एक प्रतिशत राशि से मिशन कर्मयोगी नाम से नया बजट शीर्ष बनाया जाएगा। एवं प्रशासन अकादमी के बजट में दस करोड़ से मिशन कर्मयोगी नाम से नया बजट शीर्ष भी बनाया जाएगा।
मध्यप्रदेश आईटी,आईटीईएस एवं ईएसटीएम निवेश प्रोत्साहन नीति एवं योजना 2016 की वैधता अवधि 31 जुलाई 2023 तक बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में चर्चा की गई। प्रदेश में आठ नवीन महाविद्यालय,दो महाविद्यालयों में नवीन संकाय तथा तीन महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर , स्नातक विषय प्रारंभ करने के लिए 489 नवीन पदों तथा आवर्ती व्यय 2697 लाख प्रति वर्ष और अनावर्ती व्यय 9 हजार 588 लाख रुपए इस प्रकार कुल 12265 लाख 92 हजार रुपए की मंजूरी देने भी चर्चा की गई।
समरसता छात्रावास भवन पर चर्चा
स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत समरसता छात्रावास भवन निर्माण योजना पर चर्चा की गई। इसके अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सभी छात्रावास सभी वर्गो के लिए उपलब्ध है। भवन विहीन 52 छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा और तीन वर्षो में इस पर 370 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के अंतर्गत उपभोक्ता शुल्क संग्रहण महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से कराए जाने हेतु स्वीकृति दिए जाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई।
मानदेय बढ़ाने को मंजूरी
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पंच तथा सरपंचों के मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की गई। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक दिन पहले ही कर चुके है। इसके तहत जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय और वाहन भत्ता मिलाकर एक लाख रुपए मासिक , उपाध्यक्ष का मानदेय और वाहन भत्ता बढ़ाकर 42 हजार, जनपद पंचायत अध्यक्ष का मानदेय बढ़ाकर 19 हजार 500, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय बढ़ाकर 13 हजार 500 पंच और उप सरपंच के अधिकतम वार्षिक मानदेय राशि को 1800 करने का अनुमोदन किया गया। इससे सरकार पर 56 करोड़ 38 लाख 24 हजार आठ सौ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।
दो करोड़ से कम आय वाले मार्गों का चयन
दो करोड़ से कम आय वाले मार्गो पर उपभोक्ता शुल्क संग्रहण महिला स्वसहायता समूहों को दिए जाने और मार्ग चयन हेतु मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम को अधिकृत किए जाने का अनुमोदन कैबिनेट ने किया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत रोजगार सहायकों का मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव का अनुमोदन भी कैबिनेट ने किया। इसकी घोषणा भी मुख्यमंत्री पहले ही कर चुके है। ग्राम रोजगार सहायकों के भरे एवं रिक्त पदों की पूर्ति करने पर 18 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से मानदेय दिया जाएगा। इस पर 274 करोड़ 95 लाख रुपए का भार खजाने पर आएगा।