रायपुर
छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा सर्वाधिक खनिज राजस्व प्राप्ति वाले जिलों में अव्वल आया है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में दंतेवाड़ा को 6419 करोड़ रुपए सर्वाधिक खनिज राजस्व की प्राप्ति हुई है. वहीं, 2361 करोड़ रुपए राजस्व के साथ कोरबा दूसरे नंबर पर है. तीसरा नंबर रायगढ़ का आता है, जहां वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1717 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई है.
प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार खनिज क्षेत्रों के विकास को लेकर प्रयासरत है. राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश में 12 हजार 941 करोड़ रुपए का रिकार्ड राजस्व प्राप्त हुआ है. यह राजस्व राज्य सरकार को खनिज गतिविधियों से प्राप्त हुआ है. सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस बार 636 करोड़ रुपए अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है.
बलौदाबाजार से 315 करोड़ और कांकेर से 286 करोड़ रुपए का राजस्व राज्य सरकार को मिला है. वहीं, सरगुजा जिले से दो सौ बासठ करोड़ रुपए की खनिज राजस्व की प्राप्ति हुई है. भौमिकी तथा खनिकर्म संचालक जय प्रकाश मौर्य के अनुसार, लौह अयस्क से सबसे अधिक 3607 करोड़ रुपए का राजस्व राज्य सरकार को मिला है. वहीं, कोयला से 3336 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है. चूनापत्थर से 392 करोड़ और बाक्साइट से 31 करोड़ रुपए का फायदा सरकार को पहुंचा है.
बालोद से 760 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति
बालोद से 760 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई है.विभाग के संयुक्त संचालक अनुराग दीवान के मुताबिक, सरकार की नई नीति के तहत साल 2015-16 में ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित 02 मुख्य खनिज चूना पत्थर ब्लॉक्स यथा करही चंडी और केसला में वर्ष 2022-23 में उत्पादन शुरु हुआ है. इस नई नीति के तहत खानों का पारदर्शी तरीके से आवंटन हुआ है. वहीं रेवेन्यू शेयरिंग व्यवस्था से सरकार को उक्त दोनों ब्लॉक्स से 52.52 लाख रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है. अधिकारियों की मानें तो प्रदेश के खानों से निकल रहे खनिज राज्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. बिजली के उत्पादन और उद्योगों के संचालन में ये काफी मदद कर रहे हैं.