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यूपी से बंगाल तक दरार ही दरार, 2024 में कैसे लगेगी INDIA की नैया पार?

नई दिल्ली.

2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ तैयार विपक्षी एकता में पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तर प्रदेश तक तालमेल की स्थिति नहीं दिख रही है। पहले लेफ्ट ने टीएमसी के साथ बंगाल में किसी भी तरह का समझौता करने से इनकार कर दिया। वहीं, उत्तर प्रदेश के नए नवेले कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के आने के बाद समाजवादी पार्टी (SP) के साथ कांग्रेस की दूरी लगातार बढ़ती दिख रही है। नया विवाद तब खड़ा हुआ जब, सपा को झटका देते हुए लखीमपुर खीरी से तीन बार के सांसद और प्रमुख कुर्मी (ओबीसी) नेता रवि प्रकाश वर्मा ने पार्टी छोड़ दी है।

वह अब कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ सपा की हालिया खींचतान के बाद यह एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। रवि प्रकाश वर्मा ने अपनी 33 वर्षीय बेटी पूर्वी वर्मा के साथ सपा छोड़ी है। दोनों ने दावा किया कि उन्हें यह निर्णय लेने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी जमीन पर लोगों से अलग हो गई है। अपनी स्थापना के सिद्धांतों से भटक गई है। ये दोनों सोमवार को कांग्रेस में शामिल होंगे।

यूपी में बड़े कुर्मी नेता हैं रवि वर्मा
रवि प्रकाश वर्मा का सपा से बाहर जाना महत्वपूर्ण है क्योंकि वह राज्य में एक जाने माने कुर्मी नेता हैं। एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता बालगोविंद वर्मा लखीमपुर खीरी से चार बार सांसद रहे। वे इंदिरा गांधी कैबिनेट में मंत्री भी थे। 1980 में बालगोविंद की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी उषा ने उसी निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। बाद में रवि प्रकाश वर्मा ने इस सीट से तीन बार जीतकर उनकी राजनीतिक विरासत संभाली। 2014 के लोकसभा चुनाव में वर्मा को लखीमपुर खीरी में अजय मिश्रा टेनी ने हराया था। वहीं, पूर्वी को भी 2019 में इसी सीट से हार का सामना करना पड़ा था। पूर्वी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, "मैं अखिलेश यादव के कामकाज से प्रभावित होकर राजनीति में आई थी, लेकिन अब यह कहते हुए दुख हो रहा है कि समाजवादी पार्टी समाजवाद के मूल मूल्य से भटक गई है।"

खड़गे-प्रियंका से भी मीटिंग
कांग्रेस के साथ अपने परिवार के पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए पूर्वी ने अपने कदम को घर वापसी बताया। सूत्रों ने कहा कि वे पहले ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी से मिल चुके हैं। कुछ कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि सपा के और भी नेता उनके संपर्क में हैं, जो जल्द ही पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

कांग्रेस पर भड़की सपा
सपा ने आरोप लगाया कि वर्मा ने अपने निजी हित में पार्टी छोड़ी। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कांग्रेस को भी घेरा है। उन्होंने कहा, ''हमें इंडिया गठबंधन के सदस्य के तौर पर बीजेपी से लड़ना है, लेकिन कांग्रेस इसके बजाय एसपी को निशाना बना रही है और हमें तोड़ रही है। एक गठबंधन धर्म है, जिसे वे हमें याद दिलाते हैं लेकिन खुद भूल जाते हैं। गठबंधन में हम अपने स्वयं के सहयोगियों पर दबाव नहीं डालते हैं।''

नीतीश ने भी कांग्रेस को घेरा था
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी हाल ही में एक सियासी कार्यक्रम के दौरान इंडिया गठबंधन को लेकर कांग्रेस की बेरुखी को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस को अभी सिर्फ पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की चिंता है। लोकसभा को लेकर सोच ही नहीं रही है।

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