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एयर इंडिया के प्लेन में आई दरार, पटना एयरपोर्ट पर टला विमान हादसा, हलक में अटकी 122 यात्रियों की जान

पटना

पटना एयरपोर्ट पर एआई 415 दिल्ली-पटना विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा। रनवे पर विमान की हार्ड लैंडिंग करानी पड़ी, जिसमें एक यात्री को काफी चोट आई है। घटना सोमवार की शाम साढ़े छह बजे की है। दो दिन बाद भी बुधवार की शाम तक उक्त विमान पटना में ही ग्राउंडेड है। इस घटना में क्रू सदस्यों को भी आंशिक चोटें आई हैं। वहीं विमान के शौचालय के दरवाजे में दरार आ गई है। गनीमत रही कि विमान का लगेज लॉक नहीं खुला वरना कई यात्रियों को भीषण चोट आ सकती थी। विमानन कंपनी ने डीजीसीए को प्राथमिक रिपोर्ट भेज दी है। जिस समय यह घटना हुई उस समय विमान में क्रू सदस्यों के अलावा लगभग 122 यात्री सवार थे। डीजीसीए ने घटना की विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है।

सोमवार की शाम साढ़े छह बजे विमान जब रनवे पर उतरने वाला था कि टर्बुलेंस (तूफान जैसी स्थिति) की चपेट में आ गया। सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि पायलट और को-पायलट को त्वरित निर्णय लेना पड़ा। पटना में रनवे छोटा होने की वजह से विमान को उतारने में खतरा था। इधर, एटीसी भी मौसम के इस बर्ताव का अनुमान नहीं कर सका। विमान का अर्ली वार्निंग सिस्टम भी मौसम के बदले मिजाज को नहीं पकड़ पाया। विमान जब रनवे की ओर लैंडिंग के लिए बढ़ा तो हवा में ही असंतुलित होने लगा। पायलट ने लैंडिंग अबॉर्ट किया (टाल दिया), जिसकी वजह से विमान में तेजी से कंपन हुआ और कुछ यात्री सीट से अचानक उछल पड़े। इस दौरान एक यात्री से सिर में चोट लग गई। पायलट तेजी से विमान को ऊपर ले गए और एक चक्कर लगाने के बाद जब हवा की गति कम हुई तो रनवे पर उतारा। इस दौरान 10 से 15 मिनट तक यात्री अनहोनी की आशंका से डरे रहे। लगभग पौने सात बजे विमान की लैंडिंग के बाद यात्रियों की जान में जान आई। विमान को लौटकर दिल्ली जाना था, लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से यात्रियों को डिबोर्ड कर दिया गया। इसके कुछ देर बाद एयर इंडिया की फ्लाइट एआई 416 को रद्द करना पड़ा।

पायलट द्वारा हार्ड लैंडिंग कराने के पीछे कई वजहें होती हैं। अगर रनवे पर तीन मिमी पानी जमा हो तो पायलट को हार्ड लैंडिंग करनी पड़ती है। विमान उतरने के दौरान अगर विमान रनवे पर टच प्वाइंट से आगे निकल रहा हो तो नियत जगह पर विमान को रोकने के लिए भी हार्ड लैंडिंग करानी पड़ती है। अगर रनवे पर अचानक कोई अवरोध विमान के सामने आ जाये तब भी हार्ड लैंडिंग की मजबूरी होती है। अगर विमान में ईंधन कम हो और यह इतना कम हो कि वैकल्पिक एयरपोर्ट पर विमान को सुरक्षित ले जाने में ईंधन खत्म होने का खतरा हो तो ऐसी परिस्थिति में विमान को तय रनवे पर हार्ड लैंडिंग करानी पड़ती है। कई बार तकनीकी दिक्कतों की वजह से भी ऐसा करना पड़ता है।

 

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