अदालत ने गांजा रखने के आरोपी को दी जमानत, पुलिस की दलील खारिज की
मुंबई
बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल गांजा रखने के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि जब दो व्यक्तियों को साथ पकड़ा जाता है तो उनके पास से अलग-अलग बरामद किए गए मादक पदार्थों को अलग-अलग जब्ती माना जाना चाहिए।
आरोपी सागर बोरकर ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि पुलिस ने कथित तौर पर उसके पास से केवल 10 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ बरामद किया था, जो मध्यम मात्रा माना जाता है।
हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि बोरकर और मामले के सह-अभियुक्त के पास 22 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया, जो व्यावसायिक मात्रा मानी जाती है।
पुलिस ने दावा किया गया कि चूंकि आरोपी साथ यात्रा कर रहे थे, इसलिए मामले में साजिश का आरोप भी लगाया गया।
न्यायमूर्ति एस. जी. दिगे की एकल पीठ ने 15 सितंबर के अपने आदेश में पुलिस की दलील को मानने से इनकार कर दिया।
पीठ ने कहा कि पुलिस ने बोरकर के पास से 10.319 किलोग्राम और सह-अभियुक्त के पास से 11.24 किलोग्राम गांजा बरामद किया था।
अदालत ने कहा, "आरोप है कि आवेदक और सह-अभियुक्त साथ यात्रा कर रहे थे, और उनके कब्जे से बरामद किया गया प्रतिबंधित पदार्थ व्यावसायिक मात्रा में था। आवेदक और सह-अभियुक्त एक साथ पाए गए थे, हालांकि मेरे विचार में वे व्यक्तिगत रूप से प्रतिबंधित पदार्थ ले जा रहे थे। आवेदक (बोरकर) और सह-अभियुक्त के कब्जे से प्रतिबंधित पदार्थ की बरामदगी पर अलग से विचार किया जाना चाहिए।”
मामले के विवरण के अनुसार, बोरकर और एक अन्य व्यक्ति को गांजा रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बोरकर के पास लगभग 10 किलोग्राम मादक पदार्थ पाया गया जबकि सह-अभियुक्त के पास से 11 किलोग्राम मादक पदार्थ मिला था।