राजनांदगांव/रायपुर.
छत्तीसगढ़ को सोलर उर्जा से जोड़ते हुए एक बार फिर नई पहल की गई है। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में देश का पहला ऑनग्रिड सोलर एनर्जी प्लांट बनाकर तैयार किया जा चुकी है। प्रदेश में हरित उर्जा को आगे बढ़ाते हुए इस प्लांट का उत्पादन किया गया है। इससे साढ़े आने वाले दिनों में 4.5 लाख मीट्रिक टन तक कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। जो कि बैटरी बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम पर आधारित किया गया है।
प्रदेश के राजनांदगांव जिले में डोंगरगढ़ की पहाड़ी में इसे 9 गांवों में स्थापित किया गया है। ग्राम ढाबा के पहाड़ी क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम आधारित सौर ऊर्जा संयंत्र तैयार किया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक इस सोलर सिस्टम से प्रतिदिन पांच लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसके साथ ही लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। सरकार के इस पहल से हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन मिलेगा। संयंत्र के साथ स्थापित बैटरी सिस्टम के मदद से रात के समय भी बिजली दूरस्थ ईलाकों में पहुंचाई जा सकेगी।
ऑनग्रिड सोलर एनर्जी प्लांट क्या है
इसे ग्रिड कनेक्टेड सोलर सिस्टम भी कहा जा सकता है। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के माध्यम से सौर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न की जाती है। साथ ही इसे नए तरीके से बनाया गया है जिससे इसे सीधे पावर ग्रिड से जोड़ा जा सकता है। इस प्रणाली में फोटोवोल्टिक पैनल, इनवर्टर, विद्युत केबल और ग्रिड कनेक्शन का उपयोग किया जाता है। इसे कुछ इस तरह समझ सकते हैं कि इस तकनीकि से बिजली तैयार कर जितने बिजली की अवश्यकता होगी उसका इस्तेमाल तुरंत करने के बाद उपयोगिता खत्म होने पर बिजली को स्टोर भी किया जा सकता है। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम उपभोक्ताओं को अपनी बिजली स्वयं उत्पन्न करने की अनुमति प्रदान करते हैं। यह ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के विपरीत कार्य करता है जो कि सौर उर्जा के भंडारण की व्यवस्था पर निर्धारित है।