भोपालमध्यप्रदेश

निरंतर सीखते रहना ही जीवन का आधार : राज्यपाल पटेल

जमीनी सच्चाइयों की जानकारी के लिए सघन भ्रमण करें
राज्यपाल की मध्यप्रदेश कैडर के प्रशिक्षु आई.ए.एस अधिकारियों के साथ चर्चा

भोपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि निरंतर सीखते रहना ही जीवन का आधार है। प्रशासनिक अधिकारियों को जीवन भर विद्यार्थी बने रहना चाहिए। छोटे-बड़े सभी के अनुभवों से जीवन की बड़ी सीख मिल सकती है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा जन-सेवक के रूप में कार्य करना है। इस भाव, भावना के साथ कार्य करने में ही अधिकारी की सफलता है। राज्यपाल पटेल राजभवन में वर्ष-2022 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के प्रशिक्षु आई.ए.एस अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे। राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा, उप सचिव स्वरोचिष सोमवंशी और विधि अधिकारी यू.के. श्रीवास्तव भी मौजूद थे।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी को परिवेश के सम्बन्ध में निरंतर जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। नवाचार, उत्कृष्ट और अनुकरणीय कार्यों के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने जनजातीय समाज में प्रचलित परंपरा हलमा का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी एक गाँव में तालाब बनाने के लिए आस-पास के गाँव के सभी ग्रामीण घर से खाना और गैती लेकर आते हैं। श्रमदान से तालाब का निर्माण कर देते हैं। एक अन्य प्रसंग का उल्लेख करते हुए गाँव को पॉलिथीन मुक्त बनाने की जनजाति युवाओं की पहल के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि देश और समाज के विकास के प्रति समर्पण की यह सोच प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के दूरस्थ और पिछड़े इलाकों और समुदायों के विकास के प्रयासों को गति देने के लक्ष्य के साथ कार्य करें। जमीनी सच्चाइयों की जानकारी के लिए सघन भ्रमण करें। भ्रमण के दिवस नियत कर प्रवास करें, जिससे अन्य क्षेत्रों से आने वाले आमजन को उनकी उपलब्धता के सम्बन्ध में पूर्व जानकारी रहे।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि उपस्थित अधिकारी आजादी के अमृत काल के सिविल सेवकों की अमृत पीढ़ी का नेतृत्व करेंगे, जो वर्ष 2047 के वरिष्ठतम निर्णयकर्ताओं में शामिल होगी। उस समय के भारत को अधिक समृद्ध, सुदृढ़ और खुशहाल बनाने के लिए उन्हें अपना काम आधुनिक, सेवा-भावी सोच और वंचितों के जीवन में परिवर्तन लाने में गर्व के अनुभव के साथ करना होगा। साथ ही उन सभी लोगों के प्रति संवेदनशील रहना होगा, जिनकी सेवा करने के लिए कर्त्तव्यबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी कल्याणकारी पहल को वास्तव में तभी सफल माना जा सकता है, जब उसका लाभ गरीब, वंचित और समाज के सबसे निचले तबके के अन्य लोगों तक पहुँचे। आई.ए.एस. अधिकारी का यह दायित्व है कि वह वंचित लोगों तक अपनी पहुँच बनाए। जरूरतमंद वंचित लोगों को मदद के लिए अधिकारियों तक पहुँचने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

प्रारंभ में आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी के संचालक एम.यू. खान ने अकादमी संबंधी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए अकादमी में 5 सप्ताह का प्रशिक्षण किया गया है।

प्रशिक्षु अधिकारी रवि कुमार सिहाग और सुतनुमीणा ने प्रशिक्षण और मध्यप्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य, सामाजिक, आर्थिक परिवेश संबंधी अपने अनुभवों को साझा किया। विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी सुनेहा भारती ने आभार माना।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button