अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का दिन नजदीक, धन्नीपुर में मस्जिद का निर्माण नहीं हुआ शुरू
लखनऊ
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का वक्त करीब आ रहा है लेकिन दूसरी तरफ धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद और अस्पताल की आधारशिला धन की कमी के कारण अभी तक नहीं रखी जा सकी है। ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन' (आईआईसीएफ) का कहना है कि उसके पास परियोजना के "विकास शुल्क" का भुगतान करने के लिए भी पैसे नहीं हैं। आईआईसीएफ एक ट्रस्ट है जिसका गठन मस्जिद और अन्य सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण के लिए किया गया है। मंगलवार को ‘कहा कि ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट' के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा, ‘‘इस परियोजना में एक अस्पताल, सामुदायिक रसोई और एक मस्जिद के साथ-साथ कुछ अन्य चीजें शामिल हैं। हमें परियोजना का नक्शा मिल गया और फिर उसे मंजूरी के लिए विकास प्राधिकरण को भेजा गया। शुरुआत में ऑनलाइन या ऑफलाइन मंजूरी को लेकर भ्रम था, जिससे प्रक्रियात्मक देरी हुई।''
डेढ़ महीने में मस्जिद का निर्माण शुरू होगा शुरु
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले डेढ़ महीने में मस्जिद का निर्माण शुरू करने के लिए धन जुटा लिया जाएगा । उन्होंने बताया,‘‘इसी साल फरवरी महीने में हमें पता चला कि अयोध्या विकास प्राधिकरण के बोर्ड ने परियोजना का नक्शा पास कर दिया है । फिर हमने यह जानने की कोशिश की कि इस परियोजना के लिए कितना विकास शुल्क जमा करना होगा ? हम उम्मीद कर रहे थे कि ज्यादा विकास शुल्क नहीं लगेगा। अनौपचारिक रूप से हमें पता चला कि पूरी परियोजना के लिए विकास शुल्क की राशि कुछ करोड़ रुपए होगी।'' उन्होंने कहा,‘‘चूंकि हमारे पास विकास शुल्क का भुगतान करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है, इसलिए हमने अस्पताल के निर्माण को स्थगित करने का फैसला किया क्योंकि यह पूरी परियोजना का लगभग 90 प्रतिशत है। हम पहले मस्जिद का निर्माण करेंगे। क्योंकि इसके लिए विकास शुल्क कम होगा। उन्होंने कहा,‘‘ जब से ट्रस्ट को सार्वजनिक किया गया, मस्जिद, अस्पताल और सामुदायिक रसोई के लिए अलग-अलग खाते खोले गए।
ट्रस्ट के खाते में धनराशि लगभग 40 लाख रुपये
फिलहाल ट्रस्ट के खाते में धनराशि लगभग 40 लाख रुपये है। जिससे हमें कार्यालय के बुनियादी खर्चे भी पूरे करने पड़ते हैं।'' हुसैन ने कहा, ‘‘तत्काल हमारे पास विकास शुल्क जमा करने और निर्माण शुरू करने के लिए धन नहीं है। उम्मीद है कि अगले डेढ़ महीने में मस्जिद का निर्माण शुरू करने के लिए धन जुटा लिया जाएगा।'' परियोजना के लिए किसी भी प्रकार के धन जुटाने के अभियान के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘जब परियोजना शुरू की गई थी तो हर जगह इस परियोजना की चर्चा हो रही थी और यह सुर्खियों में थी। सौभाग्य से या दुर्भाग्य से इस परियोजना की तुलना राम मंदिर परियोजना से की गई, हमने हमेशा कहा है कि राम मंदिर परियोजना अलग है क्योंकि यह आस्था से जुड़ा है और मंदिर के लिए धन जुटाने की तुलना हमारी परियोजना से नहीं की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नवनिर्मित राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने की उम्मीद है। हाल ही में राम मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा ने कहा था, ‘‘राम मंदिर के भूतल का निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। भगवान राम के भव्य मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री 20 से 24 जनवरी 2024 के बीच किसी भी दिन समारोह के लिए आ सकते हैं।'