रायपुर
प्रदेश के कृषि, जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों को खुलेआम उल्लंघन कर रही है और देश की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा घबरा गई है। राहुल गांधी की संसद की सदस्यता से कांग्रेस की ताकत कम नहीं हुई है। लेकिन, जिस तरह से षडयंत्र किया गया है, उसका हम विरोध करते हैं। कर्नाटक का चुनाव नफरत के खिलाफ मोहम्मबत के पैगाम वाला आएगा और कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी।
राहुल गांधी की संसद से सदस्य समाप्त करने के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस हमलावर हो गई है और देश भर में सत्याग्रह आंदोलन चला रही है। इसी कड़ी में मंत्री रविंद्र चौबे ने बिलासपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि क्या इस देश मे बोलने का अधिकार, विचार रखने का अधिकार समाप्त हो गया है, क्या देश मे तानाशाह राज्य की स्थापना हो गई है कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी संसद में जनता का सवाल नही कर सकता। राहुल गांधी ने संसद में केवल इतना पूछ लिया कि नरेंद्र मोदी और गौतम अडाणी के सम्बंध क्या है, सैल कम्पनियों के माध्यम से जो 20 हजार करोड़ अडाणी की कम्पनी में लगा है , वह किसका पैसा है, जनता जानना चाहती है, जो सन्देह के घेरे में है और उसकी जांच जेपीसी से कराई जाए।
कर्नाटक में बनेगी कांग्रेस की सरकार
मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि देश भर के कांग्रेस राहुल के साथ हैं। राहुल की संसद से सदस्यता कोई मायने नहीं रखना। लेकिन, जिस तरह से अप्रजातांत्रिक तरीके से षडयंत्र किया गया है, उसका हम विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनेगी। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की और कर्नाटक में ज्यादा समय बिताया। उसका परिणाम विधानसभा चुनाव में दिखेगा।
राहुल की आवाज दबाने रचा गया कुचक्र
रविन्द्र चौबे ने कहा कि राहुल गांधी के सवाल करने के बाद भाजपा ने उनके खिलाफ षडयंत्र रचना शुरू कर दिया और आनन-फानन मे डरी हुई मोदी सरकार ने 23 मार्च को कोर्ट का आदेश को आधार मानकर 24 मार्च को राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कर दी। फिर कुछ ही दिन में बंगला खाली करने का आर्डर निकाल दिया। जबकि, अभी भी कई पूर्व सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री वर्षो से सरकारी बंगले में जमे हुए हैं। उन पर कार्रवाई करने से नरेंद्र मोदी के हाथ कांप रहे है। क्योंकि उनका सम्बन्ध सीधा-सीधा आरएसएस से है। उन्होंने कहा कि सूरत की न्यायलय ने मैक्सिम सजा दी है। एक दिन भी कम होता तो सदस्यता नहीं जाती। न्यायालय के आर्डर जो गुजराती में है इतनी तत्परता से कार्रवाई की गई। इससे ऐसा लगता है कि एक रणनीति के तहत काम हुआ है।