रायपुर.
महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल पारित होने के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में इस बार 25 प्रतिशत से अधिक महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारने का लक्ष्य रखा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक 15 अक्टूबर से जारी होने वाली कांग्रेस की सूची में इस बार 22 से अधिक महिलाओं को टिकट दिया जा सकता है। पिछली बार कांग्रेस ने 13 महिलाओं को टिकट दिया था, जिनमें से 10 जीती थीं। जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 14 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिसमें सिर्फ एक प्रत्याशी को जीत मिली थी।
कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा संकेत दी है कि प्रदेश की सभी 11 लोकसभा सीटों पर दो-दो महिलाओं को टिकट मिलेगी। इसी चुनाव में भाजपा ने कुल 90 विधानसभा सीटों में 85 सीटों पर 14 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है। यह लगभग 13 प्रतिशत
है। यानि भाजपा की तुलना में कांग्रेस दोगुनी महिला प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। प्रदेश में महिलाओं के अगर मुद्दों की बात करें तो यहां शराबबंदी को लेकर महिलाएं मुखर रही हैं। इस चुनाव में भी इसका असर दिख रहा है। विपक्षी दल भाजपा की नेत्रियां शराबबंदी की मांग को लेकर लगातार मोर्चा खोल रखी है।
हर साल बढ़ी महिला विधायक बनने की होड़
छत्तीसगढ़ में 2003 से 62 महिला प्रत्याशी मैदान पर थीं। 2008 में यह बढ़कर 94 हुईं। 2018 के विधानसभा चुनाव में 115 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला हुआ। 2023 में यह संख्या 120 से पार होने की संभावना है।
मप्र, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना से ज्यादा छत्तीसगढ़ में महिला वोटर
छत्तीसगढ़ में महिला मतदाताओं ने लिंगानुपात में मध्यप्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना को पीछे छोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। अन्य राज्यों की स्थिति पर गौर करें तो राजस्थान, मध्यप्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना के कुल मतदाताओं में पुरुषों की संख्या अधिक है। छत्तीसगढ़ में 2.03 करोड़ कुल मतदाताओं में महिला मतदाताओं की संख्या 1.02 करोड़ महिला और पुरुष मतदाताओं की संख्या 1.01 करोड़ हैं।
सीटों के अनुपात में देशभर में सबसे ज्यादा विधायक छत्तीसगढ़ में
एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट-2022 की रिपोर्ट पर गौर करें तो कुल सीटों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में वर्तमान में महिला विधायकों की हिस्सेदारी देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक है। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल ऐसे राज्य हैं, जहां महिला विधायकों का प्रतिशत 10 से 14 फीसदी के बीच है, वहीं छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर वर्तमान में 16 महिला विधायक यानि कुल सीटों के मुकाबले हिस्सेदारी 18 प्रतिशत है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, महिला आरक्षण विधेयक कांग्रेस की सोच की उपज थी। छत्तीसगढ़ के उपचुनाव में भी हमने महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था। 2018 के विधानसभा में महिला उम्मीदवारों ने रिकार्ड बनाया। इस विधानसभा चुनाव में हम भाजपा से ज्यादा महिला उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे और सभी प्रत्याशी जीत कर आएंगी।
फैक्ट फाइल
90 विधानसभा सीटों पर पिछले चुनावों की स्थिति
चुनावी वर्ष महिला प्रत्याशी विजयी प्रत्याशी
2003 62 06
2008 94 12
2013 83 10
2018 115 16
प्रदेश में अभी ये हैं महिला विधायक –
अंबिका सिंहदेव (बैकुंठपुर)-कांग्रेस
उत्तरी गणपत जांगड़े (सारंगढ़)-कांग्रेस
रेणु जोगी (कोटा)-जकांछ
डा. रश्मि सिंह (तखतपुर)-कांग्रेस
इंदू बंजारे (पामगढ़)-बसपा
शकुंतला साहू (कसडोल)-कांग्रेस
अनिता शर्मा (धरसींवा)-कांग्रेस
डा. लक्ष्मी ध्रुव (सिहावा)-कांग्रेस
रंजना साहू (धमतरी)-भाजपा
संगीता सिन्हा (संजारी बालोद)-कांग्रेस
अनिला भेड़िया (डौंडीलोहारा)-कांग्रेस
ममता चंद्राकर (पंडरिया)-कांग्रेस
छन्नी साहू (खुज्जी)-कांग्रेस
देवती कर्मा (दंतेवाड़ा)-कांग्रेस
यशोदा वर्मा (खैरागढ़)-कांग्रेस
सावित्री मंडावी (भानुप्रतापपुर)-कांग्रेस