कांग्रेस ने हिमाचल और गुजरात चुनाव में खर्च किए ₹130 करोड़, BJP ने कितना किया?
नई दिल्ली
कांग्रेस ने 2022 के आखिर में हुए गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में 130 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए थे। कांग्रेस की ओर से निर्वाचन आयोग के समक्ष दायर चुनावी खर्च संबंधी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। वहीं भाजपा ने चुनाव आयोग को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 49 करोड़ रुपये खर्च किए। भाजपा ने गुजरात चुनाव में कितना खर्च किया इस बारे में रिपोर्ट नहीं मिल पाई है क्योंकि निर्वाचन आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव से जुड़े BJP के खर्च की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने गुजरात में बड़ी जीत हासिल करके अपनी सत्ता बरकरार रखी तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की सत्ता में वापसी की। इन दोनों दलों द्वारा दाखिल की गई चुनावी व्यय रिपोर्ट के अनुसार, इस रकम का इस्तेमाल काफी हद तक उम्मीदवारों को चुनाव के सिलसिले में धन मुहैया कराने, विज्ञापन एवं प्रचार के साथ स्टार प्रचारकों की यात्रा पर किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में 27.02 करोड़ रुपये और गुजरात में 103.62 करोड़ रुपये खर्च किए।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों पर 14.80 करोड़ रुपए, विज्ञापन एवं प्रचार पर 2.74 करोड़ रुपए, स्टार प्रचारकों की यात्रा पर 5.28 करोड़ रुपये खर्च किए थे। स्टार प्रचारकों के यात्रा खर्च में शीर्ष नेताओं के विशेष विमान का किराया शामिल है। गुजरात में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के लिए 45.34 करोड़ रुपये, इश्तहार (पोस्टर एवं बैनर) पर 18.08 करोड़ रुपये, विज्ञापन पर 11.27 करोड़ रुपये और अपने स्टार प्रचारकों के यात्रा किराए पर 9.88 करोड़ रुपये खर्च किए।
भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में अपना खर्च 49.69 करोड़ रुपये दिखाया है। उसने अपने स्टार प्रचारकों की यात्रा पर 15.19 करोड़ रुपये, प्रचार (पोस्टर एवं बैनर) पर 8.5 करोड़ रुपये और उम्मीदवारों पर 18.57 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने स्टार प्रचारक राजीव शुक्ला, आनंद शर्मा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री बने सुखविंदर सिंह सुक्खू की यात्रा पर 5.28 करोड़ रुपये खर्च किए। वहीं 8 दिसंबर को घोषित चुनाव नतीजों में कांग्रेस ने 40 सीटें जीतीं जबकि भाजपा को 25 सीटों से संतोष करना पड़ा था।