मतगणना से पहले कांग्रेस ने प्रत्याशियों व काउंटिंग एजेंट्स को दिया प्रशिक्षण
भोपाल.
मध्य प्रदेश में तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना होगी। इसकी तैयारी के लिए रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सभी उम्मीदवारों और उनके मतगणना अभिकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें बताया गया कि मतदान के बाद जो प्रारूप दिया गया है, उसका मिलान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज मतों से अवश्य करें। जब मतगणना का एक चक्र पूरा हो तो उसके परिणाम की सत्यापित प्रतिलिपि लें। तब तक मतगणना टेबल से न उठें, जब तक ईवीएम से मतों की गणना पूरी ना हो जाए।
दो चरणों में दिया प्रशिक्षण
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दो चरणों में उम्मीदवारों और उनके मतगणना अभिकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया। पहले चरण में रीवा, शहडोल, जबलपुर, ग्वालियर और चंबल संभाग के उम्मीदवारों और मतगणना अभिकर्ताओं का प्रशिक्षण हुआ। इसमें प्रदेश कांग्रेस के चुनाव आयोग से संबंधित कार्यों के प्रभारी जेपी धनोपिया, महेंद्र जोशी और शशांक शेखर ने मतगणना प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि स्ट्रांग रूम से जब एवं निकाल कर मतगणना स्थल पर लाई जाए, तब वहां उम्मीदवार या मतगणना अभिकर्ता उपस्थित रहें। प्रत्येक मशीन की जांच करें और यह सुनिश्चित कर लेने की वह सील बंद है या नहीं। सबसे पहले डाक मत पत्रों की गिनती होगी, इसमें सावधानी बरतना बहुत आवश्यक है। एक-एक मत महत्वपूर्ण है, इसलिए ध्यानपूर्वक डाक मत पत्रों की गिनती करवाएं। जहां कहीं भी संदेह हो, तत्काल लिखित में आपत्ति करें।
उन्हें बताया गया कि सुबह आठ बजे से ईवीएम से मतों की गणना भी शुरू हो जाएगी। प्रत्येक टेबल पर अभिकर्ता हों, यह पूर्व से ही सुनिश्चित कर लें। प्रत्येक चक्र की गणना के बाद परिणाम की सत्यापित प्रतिलिपि रिटर्निंग आफिसर से लें। मतगणना स्थल को तब तक न छोड़ें, जब तक कि मतगणना का काम पूरा न हो जाए। प्रमाण पत्र में यह सुनिश्चित करने की सब जानकारी सही है या नहीं।
पूर्ण बहुमत से बनाएंगे सरकार : सज्जन वर्मा
प्रशिक्षण के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि सभी उम्मीदवारों और उनके अभिकर्ताओं को मतगणना से जुड़ी जानकारी दी गई है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की पूर्ण बहुमत से सरकार बन रही है। अधिकारियों की सूची बनवाए जाने पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संविधान सर्वोपरि है और संविधान के अनुसार जो अधिकारी-कर्मचारी काम नहीं करते हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी ही चाहिए। सभी अधिकारी-कर्मचारी एक जैसे नहीं हैं। कइयों ने भाजपा सरकार के दबाव के बावजूद नियम अनुसार काम किया है।