कांग्रेस ने चुनावी बांड पर FIR पर वित्त मंत्री से मांगा इस्तीफा, लोकतंत्र कमजोर करने की बताई साजिश
नई दिल्ली.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताए जाने के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर से बीजेपी पर हमला बोला है। कांग्रेस की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। अब कांग्रेस ने "लोकतंत्र को कमजोर करने" के लिए उनसे इस्तीफे की मांग की। विपक्षी दल ने समूची चुनावी बांड योजना की एसआईटी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की अपनी मांग की है।
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी और कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि चुनावी बांड के जरिए धन उगाही के लिए चार तरीकों का इस्तेमाल किया गया- प्रीपेड रिश्वत, पोस्टपेड रिश्वत, छापे के बाद रिश्वत और फर्जी कंपनियों के जरिए।
'बॉन्ड स्कैम की कई कहानियां बता चुका है मीडिया'
सिंघवी ने कहा कि, मीडिया ने पिछले एक साल में इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी हुई कई सारी कहानियां, नाम और किस्से पब्लिश किए हैं। जिनमें कई सारे तथ्य भी हैं। उन स्टोरीज में बताया गया है कि: कैसे किसी कंपनी/व्यक्ति ने कब और किसने इलेक्टोरल बॉण्ड लिया। कई मामलों में पहले जांच एजेंसियों ने छापे मारे और फिर उन कंपनियों द्वारा इलेक्टोरल बॉण्ड लिया गया। ऐसा भी देखा गया कि इलेक्टोरल बॉण्ड खरीदने के बाद उन मामलों में जांच धीमी हो गई। हमने कई मामलों में यह भी देखा कि जिन कंपनियों का पेड-अप कैपिटल 100 करोड़ भी नहीं था, लेकिन उन्होंने 500 करोड़ के इलेक्टोरल बॉण्ड खरीदे थे। कांग्रेस सांसद ने कहा कि, इलेक्टोरल बॉण्ड मामले में चौथा पहलू एफआईआर दर्ज होने का है। किसी भी मामले में एफआईआर दर्ज होने का एक प्रावधान होता है, जिसमें मामले की प्राथमिक जांच के आधार पर अदालत एफआईआर दर्ज करने का आदेश देती है। इस एफआईआर में भी वित्त मंत्री आरोपी नंबर 1 हैं और अन्य व्यक्ति भी संबंधित धाराओं के तहत मामले में आरोपी हैं। इस एफआईआर में नाम के साथ आंकड़े भी दर्ज हैं- जिसमें कुल आंकड़ा 8,000 करोड़ रुपए का है।
आरबीआई ने जताई थी चिंता
कांग्रेस ने कहा कि, जब इलेक्टोरल बॉन्ड बनाया जा रहा था, तो आरबीआई के गवर्नर ने कहा था कि, हम चिंतित हैं कि चुनावी बॉन्ड के मुद्दे का दुरुपयोग होने की संभावना है, विशेष रूप से शेल कंपनियों के उपयोग के माध्यम से। हमारा मानना है कि इसे किसी अन्य तरीके से बेहतर तरीके से हासिल किया जा सकता है, अन्यथा, यह मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर जोखिम के साथ धोखाधड़ी को जन्म दे सकता है। ये बात आरबीआई के गवर्नर ने लिखी थी, लेकिन सरकार ने उनकी इस चिट्ठी को कूड़ेदान में फेंककर उन्हें हटा देती है। ये सब करने बाद सरकार ने इसपर मनी बिल का टैग लगा दिया… क्योंकि सरकार जानती थी कि ये राज्य सभा में पास नहीं हो पाएगा। सिंघवी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि, सबसे बड़ा मुद्दा है- लेवल प्लेइंग फ़ील्ड का। ये एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बहुत जरूरी है, जो लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है। ये संविधन के मूल ढांचे का एक अभिन्न अंग है। लेकिन, इलेक्टोरल बॉण्ड संविधान के उसी मूल ढांचे की नींव पर हमला करता है। इलेक्टोरल बॉण्ड स्कीम बीजेपी के पुराने जुमले का नया वर्जन है। खाऊंगा भी, चुराऊंगा भी….वसूली के लिए सताऊंगा भी। कांग्रेस नेता ने कहा कि, बीजेपी ने बताया है- छापा डालकर चंदे की वसूली कैसे होती है? चंदा लेकर ठेका कैसे बांटा जाता है? भ्रष्टाचारियों को धोने वाली वाशिंग मशीन कैसे काम करती है? इसलिए हम आशा करते हैं कि न्यायिक प्रक्रिया द्वारा इस भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को समन किया जाएगा, उनके स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए जाएंगे और उसी आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
जयराम बोले- इन चार रास्तों से बीजेपी ने साढ़े पांच साल में 6 हजार करोड़ रुपए कमाए
वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि, 15 फरवरी, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था कि इलेक्टोरल बॉण्ड स्कीम गैर-संवैधानिक है। इसके बाद 21 मार्च, 2024 को सुप्रीम कोर्ट के दबाव में एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉण्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक कर दी। उस जानकारी को लेकर हमने 4 रास्ते ढूंढ निकाले थे। चंदा दो – धंधा लो, ठेका लो – चंदा दो, हफ्ता वसूली यानी पोस्ट रेड, फर्जी कंपनी । इन चार रास्तों से बीजेपी ने साढ़े पांच साल में 6 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा का चंदा इकट्ठा किया है। शनिवार को बेंगलुरु की एक अदालत के निर्देश पर सीतारमण और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस के अनुसार, विशेष अदालत के आदेश के आधार पर सीतारमण, ईडी अधिकारियों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के पदाधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 384 (जबरन वसूली के लिए सजा), 120बी (आपराधिक साजिश) और 34 (साझा इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कृत्य) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीवाई विजयेंद्र और पार्टी नेता नलिन कुमार कटील का भी नाम है। 'जनाधिकार संघर्ष परिषद' (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श आर अय्यर ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने "चुनावी बॉन्ड की आड़ में जबरन वसूली की" और 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ उठाया। शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि सीतारमण ने ईडी अधिकारियों की गुप्त सहायता और समर्थन के माध्यम से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर दूसरों के लाभ के लिए हजारों करोड़ रुपये की जबरन वसूली की।