सरगुजा.
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में पार्टी ने 53 उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा है। 21 नए चेहरे को मौका दिया है। वहीं 10 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए हैं। दूसरी लिस्ट में 17 ओबीसी, 15 एसटी, 6 एससी वर्ग के प्रत्याशियों को उतारा गया है। एक पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम का टिकट काट दिया गया है। 53 सीटों में से 10 सीटों पर महिलाओं को मौका दिया गया है।
इससे पहले कांग्रेस ने 15 अक्टूबर को पहली सूची जारी की थी, जिसमें 30 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था। पार्टी ने 7 विधानसभा क्षेत्रों में नए चेहरे उतारे हैं। 30 में से 4 सीटों पर महिलाओं को मौका दिया गया है। वहीं मौजूदा 8 विधायकों के टिकट काटे हैं। कांग्रेस की पहली और दूसरी सूची मिलाकर कुल 18 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए हैं। छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से पार्टी ने अब तक 83 सीटों पर प्रत्याशियों को उतार चुकी है। वहीं बीजेपी भी 86 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस की दूसरी लिस्ट को देखकर स्पष्ट नजर आ रहा है कि इस सूची में डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव की चली है। इसके बाद सीएम भूपेश बघेल की चली है। दोनों दिग्गज नेता अपनी टीम, अपने समर्थक विधायकों और करीबियों को फिर से टिकट दिलाने में सफल रहे हैं। प्रदेश की जिन 10 सीटों पर मौजूदा विधायकों का परफॉर्मेंस और विधायकों की स्थिति कमजोर देखकर उनकी जगह पर सीएम और डिप्टी सीएम ने पार्टी हाईकमान से नए चेहरों को मौका देने की गुजारिश की थी। सियासी गलियारे में इसी बात की चर्चा है कि पार्टी ने 10 विधायकों के टिकट काटकर नए प्रत्याशियों को चुनावी क्षेत्रों में उतारा है। इन नए चेहरों में अधिकांश डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और और सीएम भूपेश के समर्थक हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन सीटों पर पार्टी को हार का डर साफतौर पर दिख रही थी। इसलिए 10 विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। हालांकि सीएम का अब भी यही कहना है कि जिन विधायकों का टिकट कटा है। उन्हें सरकार आने पर कहीं न कहीं जिम्मेदारी दी जाएगी। उनके अनुभवों का लाभ लिया जाएगा।
सरगुजा संभाग पर नजर
प्रदेश की सरगुजा संभाग से देखें तो हाईप्रोफाइल सीट रामानुजगंज से वर्तमान कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह का टिकट काट दिया गया है। उनकी जगह पर अंबिकापुर के महापौर अजय तिर्की को उतारा गया है। तिर्की प्रदेश के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के करीबी माने जाते हैं। बड़ी बात ये है कि 2013 और 2018 दो बार से लगतार बृहस्पत सिंह विधायक रहे हैं। विधायक बृहस्पत सिंह का सिंहदेव से अन-बन सर्वविदित है। कई बार मीडिया के सामने उन्होंने बाबा पर सवाल खड़ा किया है। यहां तक उन्होंने मीडिया के सामने खुलेआम कह दिया था कि सिंहदेव उन्हें जान से मरवाना चाहते हैं। दूसरे नंबर पर प्रतापपुर से पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम का भी टिकट काटकर राजकुमारी मरावी को टिकट दिया गया है। यहां भी बाबा की चली है। इसी तरह सामरी से चिंतामणि महाराज का टिकट काट कर विजय पैकरा को दिया गया है। चिंतामणि को पहले से ही अपना टिकट के कटने का अंदेशा था। यही वजह है कि अगस्त में चिंतामणि महाराज ने खुद एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह खुद को टिकट नहीं मिलने पर जनता के चुनाव के बहिष्कार की बात कह रहे थे। यहां भी बाबा की चली है, क्योंकि ये सीट भी बाबा के गृह जिले सरगुजा की है।
रायपुर संभाग पर नजर
बात रायपुर संभाग की करें तो रायपुर जिले के धरसींवा से वर्तमान विधायक अनीता योगेंद्र शर्मा का टिकट काट दिया गया है। कांग्रेस के सर्वे में उन्हें कमजोर बताया गया था। वहीं यहां से वर्मा वर्ग को लोगों का दबदबा होने से पूर्व सांसद छाया वर्मा को टिकट दिया गया है। वहीं रायपुर उत्तर में टिकट का पेंच फंसा हुआ है। यहां से वर्तमान में कुलदीप जुनेजा विधायक हैं। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के बिलाईगढ़ से चंद्रदेव प्रसाद राय की जगह कविता प्राण लहारे को मौका दिया गया है। चंद्रदेव प्रसाद राय को अपनी उम्मीदवारी के बारे में पहले से ही संशय था। यही वजह थी कि राय पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे। रायपुर ग्रामीण सीट से विधायक सत्यनारायण शर्मा की जगह उनके बेटे पंकज शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया गया है। हालांकि ये सीट उनके परिवार में ही गई है। इसी साल अगस्त में सत्यनारायण शर्मा ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया था। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष और उनके बेटे पंकज शर्मा ने इस बार रायपुर ग्रामीण से दावेदारी पेश की थी, जिस पर पार्टी हाइकमान ने मुहर लगा दी है। इसी तरह रायपुर जिले की हाई प्रोफाइल सीट रायपुर दक्षिण से पिछली बार चुनाव लड़े कन्हैया अग्रवाल का टिकट काटकर सीएम के करीबी महंत रामसुंदर दास को टिकट दिया गया है। ऐसे में यहां पर चुनावी लड़ाई काफी रोचक हो गई है क्योंकि बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल महंत को अपना गुरु मानते हैं। ऐसे में गुरु और शिष्य के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। इस तरह रायपुर संभाग में सीएम भूपेश की चली है।
दुर्ग संभाग पर नजर
कांग्रेस ने इस लिस्ट में दुर्ग शहर से अपने कद्दावर दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा को लगातार दूसरी बार टिकट दिया है। मोतीलाल अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वैशाली नगर से मुकेश चंद्राकर, भिलाई नगर से देवेंद्र यादव, अहिवारा से निर्मल कोसरे को टिकट दिया गया है। वहीं बेमेतरा से आशीष छाबड़ा को टिकट दिया गया है। ये सभी नेता सीएम भूपेश के करीबी माने जाते हैं। वहीं भाजपा की तीसरी सूची में पंडरिया सीट से भावना बोहरा को टिकट दिया गया है। बोहरा पूर्व सीएम रमन सिंह की करीबी मानी जाती है। यानी उनके पसंद का ख्याल रखा गया है।
बिलासपुर संभाग पर नजर
लैलूंगा सीट पर मौजूदा विधायक चक्रधर सिंह सिदार का पत्ता साफ हो गया है। चक्रधर ने अपनी पुत्रवधु और जिला पंचायत सदस्य यशोमती सिदार का नाम आगे बढ़ाया था, लेकिन टिकट विद्यावती सिदार को मिला है। विद्यावती ने हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। पाली-तानाखार से मोहित राम की जगह जनपद अध्यक्ष दुलेश्वरी सिदार को उम्मीदवार बनाया गया है। पहले से ही इस बात की चर्चा थी कि कांग्रेस यहां से महिला प्रत्याशी को उतार सकती है। मौजूदा विधायक मोहित राम अंतिम समय तक प्रयासों में लगे हुए थे, लेकिन कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार को प्राथमिकता दी। बिलासपुर शैलेश पांडेय को उम्मीदवार बनाया गया है। तखतपुर से रश्मि आशीष सिंह, बिल्हा से सीयाराम कौशिक, कोटा से अटल श्रीवास्तव, मस्तुरी दिलीप लहरिया, बेलतरा फिलहाल प्रत्याशी फाइनल नहीं हुआ है। यानी यहां पर पेंच फंसा हुआ है। रायगढ़ से प्रकाश नायक, मुंगेली संजीत बनर्जी, जांजगीर चांपा से व्यास कश्यप, सारंगढ़ उतरी जांगड़े को टिकट दिया गया है। ये सभी नेता सीएम बघेल के करीबी माने जाते हैं।
जगदलपुर संभाग पर नजर
कांग्रेस ने जगदलपुर के पूर्व महापौर जतिन जायसवाल को जगदलपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है। ये भी टीएस सिंहदेव के करीबी माने जाते हैं। भाजपा ने भी इस सीट पर पूर्व महापौर किरण देव को मैदान में उतारा है। अनारक्षित सीट पर पर चुनावी जंग दो पूर्व महापौर के बीच होगी। जगदलपुर विधानसभा सीट से रेखचंद जैन की जगह जतिन जायसवाल उम्मीदवार बनाए गए हैं। बताया गया कि इस सीट पर दिल्ली में मलकीत सिंह गैदू और जतिन के नाम में पेंच फंसा था। टीएस सिंहदेव जतिन जायसवाल के नाम पर अड़े थे, जबकि पीसीसी चीफ मलकीत को टिकट चाहते थे। अंततः कांग्रेस ने जतिन को उम्मीदवार बनाया है।
इन सीटों पर फंसा पेंच
बीजेपी ने अब तक 86 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। वहीं कांग्रेस ने 53 सीटों पर उम्मीदवारों को टिकट दिया है। 90 सीटों वाले विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने 4 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं। इनमें बेमेतरा, अंबिकापुर, बेलतरा, कसडोल सीटें शामिल हैं। वहीं कांग्रेस ने 7 सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। इसमें रायपुर उत्तर, महासमुंद, सरायपाली, कसडोल, बैकुंठपुर , सिहावा और धमतरी सीट शामिल हैं। प्रत्याशियों के नाम का पेज फंसा होने की वजह से इन सीटों पर घोषणा नहीं की गई है। कांग्रेस ने एक पूर्व सांसद समेत 9 महिलाओं को टिकट दिया है।