भोपालमध्यप्रदेश

जबरिया इंजीनियरिंग में प्रवेश की शिकायत CM helpline पर हो रही दर्ज

भोपाल

सीएम हेल्पलाइन पर सबसे ज्यादा शिकायतें इंजीनियरिंग कॉलेजों की दर्ज कराई गई हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा बुरे हालात इंजीनियरिंग कॉलेजों के हैं। क्योंकि विद्यार्थी दलालों के हाथ में दस्तावेज देकर प्रवेश लेने के लिए एक से दूसरे कॉलेज में कूच करते रहते हैं। इससे विभागीय अधिकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते सीएम हेल्पलाइन पर लागातार शिकायतें बढ़ती चली जा रही हैं।

तकनीकी शिक्षा विभाग ने वर्तमान सत्र में अपने डेढ़ दर्जन कोर्स में करीब एक लाख दस हजार प्रवेश कराए हैं। इसमें सबसे ज्यादा प्रवेश इंजीनियरिंग कॉलेजों की 35 हजार सीटों पर हुए हैं। यहां के विद्यार्थियों ने सीएम हेल्पलाइन में प्रवेश से संबंधित शिकायतें दर्ज कराई हैं। इसमें उन्होंने फीस वापसी और जबरिया प्रवेश को निरस्त कराने की मांग की है।

प्रदेश के 143 कॉलेजों में 58 हजार सीटों में से 35 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए हैं। इसमें करीब सैकड़ा भर विद्यार्थियों ने फीस वापसी और जबरिया प्रवेश होने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई हैं। कुछ विद्यार्थियों का यहां तक कहना है कि उन्हें पता ही नहीं चला और उनका प्रवेश हो चुका है। उन्होंने शिकायत में बताया कि उन्होंने प्रोफेसरों पर भरोसा कर दस्तावेज की फोटो कॉपी उनके सुपुर्द की थी।

इसके बाद जब उन्होंने दूसरे कॉलेज में प्रवेश देने के लिए जैसे ही दस्तावेज लगाए तो आॅनलाइन काउंसलिंग में वे प्रवेश नहीं ले सके। यहां तक कुछ विद्यार्थियों ने काउंसलिंग खत्म होने के बाद प्रवेश निरस्त कराकर कॉलेजों से फीस वापसी मांगी, तो कॉलेजों ने फीस वापस करने से इंकार कर दिया। जबकि प्रवेश निरस्त होने के बाद विद्यार्थियों ने दूसरे कॉलेज में प्रवेश ले लिए हैं।

इस संबंध में तकनीकी शिक्षा विभाग ने कॉलेज संचालकों को पत्र भेजकर विद्यार्थी से फीस वापसी करने को कहा तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि काउंसलिंग खत्म होने सात दिन प्रवेश निरस्त होने पर फीस वापस करने का प्रावधान नहीं है। इसके चलते विद्यार्थियों की फीस वापस नहीं की जा सकती है।

 

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