जेल बंदियों की मौत पर अब परिजनों को पांच लाख तक का मुआवजा
भोपाल
जेल के अंदर हुए आपसी झगड़े में यदि किसी बंदी की अब मौत होती है तो उसके परिजनों को मुआवजे में पांच लाख रुपए की राशि सरकार देगी। इसी तरह पांच अन्य मामलों में जेल के अंदर होने वाली बंदियों की मौत पर दो से पांच लाख तक का मुआवजा बंदियों के परिजनों को दिया जाएगा। इस संबंध में जेल विभाग ने हाल ही में आदेश जारी किए हैं। जिसमें बताया गया है कि बंदियों के बीच आपसी झगड़े के कारण मृत्यु हो जाने पर बंदी के उत्तराधिकारी को पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
वहीं जेल कर्मचारियों द्वारा प्रताड़ना, लापरवाही या उदासीनता बरते जाने के कारण किसी बंदी की मौत होती है तो उसके भी उत्तराधिकारी को पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। इसी तरह जेल के डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की लापरवाही के कारण उपचार के दौरान मृत्यु होने पर भी पांच लाख का मुआवजा दिया जाएगा।
आत्महत्या पर भी मिलेगी परिजन को सहायता
जेल प्रशासन की प्रताड़ना से तंग आकर यदि बंदी आत्महत्या करता है तो उसके परिजनों को पांच लाख और बंदी अपने अपराधबोध के चलते या निजी कारणों से दुखी होकर आत्महत्या जेल के अंदर करता है तो परिजनों को दो लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। जेल में अप्रत्याशित घटना या दुर्घटना एवं प्राकृतिक आपदा या विपत्ति के काण मृत्यु होने पर बंदी के परिजनों को पांच लाख की मुआवजा राशि दी जाएगी।
तब नहीं मिलेगा मुआवजा
जेल से फरार होने या पुलिस अभिरक्षा से भागने के दौरान मौत होने पर कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। पैरोल पर बाहर रहने के दौरान बंदी की मौत पर भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा।