CM शिवराज के खिलाफ विक्रम मस्ताल को चुनावी रणभूमि में, जाने क्या है कांग्रेस की रणनीति
भोपाल
मध्य प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस ने 144 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी ने नवरात्रि के पहले दिन जारी सूची में सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्वाचन क्षेत्र बुधनी से भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने बुधनी सीट पर सीएम शिवराज के खिलाफ टीवी के हनुमान यानी विक्रम मस्ताल को चुनावी रणभूमि में उतारा है. विक्रम मस्ताल ने टीवी धारावाहिक रामायण-2 में हनुमान की भूमिका निभाई थी. टीवी के हनुमान को टिकट के पीछे कांग्रेस की रणनीति क्या है? इसे लेकर चर्चा छिड़ गई है.
दरअसल, कर्नाटक चुनाव नतीजों के तुरंत बाद सोशल साइट्स पर एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में हनुमानजी को कर्नाटक नतीजों का जिक्र करते हुए ये कहते दिखाया गया था कि अब क्या आदेश है प्रभु. हनुमानजी के इस सवाल पर भगवान राम को ये कहते दिखाया गया कि अब मध्य प्रदेश जाओ और कमलनाथ की विजय पताका फहराओ. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया एडवाइजर पीयूष बबेले ने कांग्रेस की लिस्ट जारी होने के बाद यही पुराना वीडियो एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि अब यही हनुमानजी यानी विक्रम मस्ताल सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने कांग्रेस प्रत्याशी हैं.
एमपी चुनाव में हनुमान की एंट्री टोटका है या…
विक्रम मस्ताल को सीएम शिवराज के खिलाफ उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के चुनाव में हनुमानजी की एंट्री करा दी है. अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि कर्नाटक चुनाव में मिली जीत के बाद मध्य प्रदेश में हनुमानजी की एंट्री क्या कांग्रेस का कोई सियासी टोटका है? दरअसल, कर्नाटक चुनाव के लिए अपने वचन पत्र में कांग्रेस ने सत्ता में आने पर बजरंग दल को बैन करने की बात कही थी. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे हनुमान से जोड़ते हुए हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ बताते हुए हल्ला बोल दिया था. इसके बाद कांग्रेस ने सत्ता में आने पर जगह-जगह हनुमान मंदिर बनवाने का ऐलान किया और पार्टी की ये रणनीति कारगर साबित हुई. कांग्रेस कर्नाटक में सरकार बनाने में सफल रही थी.
कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद ये चर्चा तक शुरू हो गई थी कि क्या कांग्रेस को हनुमान के रूप में जीत की तरकीब मिल गई है? उस समय ये वीडियो भी खूब वायरल हुआ. अब मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सीएम शिवराज के खिलाफ विक्रम मस्ताल की उम्मीदवारी के ऐलान के बाद यही ट्वीट कर सूबे के चुनाव में हनुमान की एंट्री करा दी है. कर्नाटक में बजरंगदल पर बैन का मुद्दा था तो मध्य प्रदेश में बीजेपी विपक्षी कांग्रेस को सनातन के मुद्दे पर घेर रही है.
ऐसे में सवाल ये भी उठ रहे हैं कि बुधनी से टीवी के हनुमान की उम्मीदवारी सीएम शिवराज को उनके ही विधानसभा क्षेत्र में घेरने का प्लान भर है या बीजेपी के जय श्रीराम नारे की काट? कांग्रेस के कई नेताओं ने विक्रम को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पुराना वीडियो ट्वीट करते हुए जय हनुमान का नारा दे दिया है.
एमपी चुनाव में कांग्रेस का IRS प्लान
दरअसल, बात बुधनी की हो या पूरे मध्य प्रदेश की, कांग्रेस की रणनीति साफ नजर आई है- बीजेपी के नाराज नेताओं, स्थानीय समस्याओं पर फोकस. कांग्रेस की रणनीति बीजेपी के बड़े नेताओं को लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद उनके इलाके में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी समस्याओं को लेकर घेरने की रही है. बुधनी विधानसभा क्षेत्र के ही निवासी मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद जाट ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री हैं लेकिन उनके इलाके के लोगों को इलाज के लिए होशंगाबाद या दूसरे शहरों का रुख करना पड़ता है. हम बुधनी में वहां की समस्याओं को प्रमुखता से उठा रहे हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि अगर कभी राज्यपाल होशंगाबाद या बुधनी किसी कार्यक्रम में जाएं और दुर्भाग्यवश कोई हेल्थ इमरजेंसी आ जाए तो उसके लिए भी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. ये तो हुई समस्याओं की बात. बीजेपी के नाराज नेताओं पर भी कांग्रेस की नजर है. पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी, रामकिशोर शुक्ला, दिनेश मल्हार जैसे करीब चार दर्जन नेता पिछले तीन से चार महीनों में बीजेपी छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं.
विक्रम मस्ताल को सीएम शिवराज के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारकर कांग्रेस ने स्टार वाला तड़का तो लगाया ही, कहा तो ये भी जा रहा है कि टीवी के हनुमान की एंट्री से विपक्षी पार्टी ने बीजेपी के लिए सनातन की पिच भी मुश्किल कर दी है. सनातन विवाद के बीच कमलनाथ आयोजन पंचायत आजतक मध्य प्रदेश के मंच पर कहा भी था- ये देश सनातन धर्म का देश है.
सीएम शिवराज के खिलाफ टिकट मिलने के बाद विक्रम मस्ताल देवी धाम सलकनपुर पहुंचे और पूजा-अर्चना के बाद कहा कि हम सीएम के सामने लड़ेंगे और जीतेंगे. उन्होंने ये भई कहा कि हनुमानजी और उनके भक्तों के लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है. मैं तो बस एक चेहरा हूं, ये जनता का चुनाव है. मस्ताल के इस बयान का संदर्भ भले ही बुधनी हो, कांग्रेस की रणनीति इसे पूरे प्रदेश में लेकर जाने की होगी. खासकर तब, जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद को हनुमान भक्त बताते रहे हैं. अब कांग्रेस का ये प्लान कितना कारगर साबित हो पाता है, ये 3 दिसंबर की तारीख बताएगी.