भोपालमध्यप्रदेश

सीएम शिवराज ने ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ का किया शुभारंभ

भोपाल

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ का शुभारंभ किया। भोपाल के रविंद्र भवन में सीखो-कमाओ योजना पोर्टल में युवाओं का पंजीयन प्रारंभ किया गया। खुद मुख्यमंत्री ने पोर्टल में एक युवा का पंजीयन करते हुए इसकी शुरुआत की। इस योजना में युवाओं को अलग अलग तरह के काम सिखाए जाएंगे और इस दौरान उन्हें स्टाइपेंड भी मिलेगा। उन्होने कहा कि ये एक अद्भुत योजना है और अब तक भारत में कहीं और इस तरह की योजना नहीं है। इस अवसर पर यहां वीडी शर्मा, यशोधराराजे सिंधिया, डॉ मोहन यादव, मीना सिंह, उषा ठाकुर सहित कई मंत्री शामिल हुए।
काम सीखने के बदले मिलेंगे पैसे

सीएम ने कहा कि युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए बीजेपी सरकार कृत संकल्पित है। मैंने 15 अगस्त, 2022 को सरकारी नौकरियों में एक लाख पदों पर भर्ती की घोषणा की थी। अब तक 55,000 पदों पर भर्तियां की जा चुकी हैं और बाकी पदों पर 15 अगस्त तक भर्तियां पूरी कर ली जायेंगी। उन्होने कहा कि आगे भी निरंतर सरकारी नौकरियां दी जाएंगी, लेकिन सभी को सरकारी नौकरी मिल पाना संभव नहीं। इसीलिए युवाओं को विभिन्न कामों में कुशल बनाकर उन्हें प्राइवेट सेक्टर में नौकरी दिलाने और उनका खुद का काम प्रारंभ करने के लिए भी सरकार उनकी सहायता करेगी।

इसी उद्देश्य के साथ ये योजना शुरू की गई है। उन्होने कहा कि 15 लाख 42 हजार 550 करोड़ का निवेश मध्य प्रदेश की धरती पर लाने के कमिटमेंट किए गए हैं। उन्होने कहा कि भोपाल में सिंगापुर के सहयोग से “ग्लोबल स्किल सेंटर” बन रहा है। इसमें हम एक साथ 6,000 बच्चों को स्किल्ड करने का काम करेंगे और बाद में इस संख्या को बढ़ाकर 10,000 तक ले जायेंगे। साथ ही अन्य शहरों में भी ग्लोबल स्किल सेंटर बनाए जाएंगे। सीएम ने कहा कि वे कभी भी बेरोजगारी भत्ता देने के पक्ष में नहीं है। चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं देती, वो अपने बच्चों को पंख देती है जिससे वो अनंत आसमान में ऊंची उड़ान भर सकें। इसीलिए मैं भी युवाओं को पंख देने आया हूं और सीखो कमाओ योजना बनाई गई है।

पात्रता की शर्तें

इस योजना के लिए आयु सीमा 18 वर्ष से 29 वर्ष रखी गई है। इस आयुसीमा में आने वाले युवाओं को मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी होना आवश्यक है। इसी के साथ न्यूनतम शिक्षा 12वीं होनी चाहिए। 12वीं से लेकर, आईटीआई, डिप्लोमा और ग्रेजुएशन डिग्री हो सकती है। इसी के साथ उनका समग्र पोर्टल पर ईकेवाईसी होना जरुरी है।

जिन युवाओं ने अब तक ये नहीं किया है वो एमपी ऑनलाइन पर इसे करा सकते हैं। पंजीयन के लिए युवा की मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी चालू स्थिति में होनी चाहिए। इसी के साथ बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए और बैंक अकाउंट में डीबीटी इनेबल्ड हो क्योंकि स्टाइपेंड की राशि डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजी जाएगी।
700 अलग अलग काम सिखाए जाएंगे

इस योजना के तहत युवाओं को रोजगार दिलाने के साथ ही कौशल भी सिखाया जाएगा। योजना अंतर्गत 12वीं पास, आईटीआई, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किए हुए सभी युवा इसके पात्र हैं। इसमें काम सीखने के बदले प्रदेश सरकार युवाओं को स्टाइपेंड देगी। इस योजना के तहत 700 कार्यों को स्वीकृति दी गई है जिनमें इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, सिविल, मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म ट्रेवल, अस्पताल, रेलवे, आईटीआई, सॉफ्टवेयर, बैंकिग, बीमा, लेखा, चार्टेड अकाउंटेंट, अन्य वित्तीय सेवाओं सहित कई और काम सिखाए जाएंगे।

और ये काम सीखने के दौरान युवाओं को स्टाइपेंड दिया जाएगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं देती, पंख देती है ताकि वो प्रगति और विकास की लंबी उड़ान उड़ सके। उन्होने कहा कि वो युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देना बेमानी है, इसकी बजाय उन्हें काम सिखाया जाए और उसके बदले में पैसा दें ताकि उनके लिए स्थायी रोजगार की व्यवस्था हो जाए।
मिलेगा इतना स्टाइपेंड

योजना के तहत 12वीं पास युवाओं को 8000 रूपये महीना, आईटीआई किए युवाओं के 8500 रूपया महीना, डिप्लोमाधारी को 9000 रूपया और इससे अधिक शिक्षा प्राप्त ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं को 10,000 रूपये महीना स्टाइपेंड दिया जाएगा। जिन प्रतिष्ठानों में युवा काम करेंगे उनके और प्रदेश सरकार के बीच ऑनलाइन अनुबंध किया जा रहा है। युवाओं को स्टाइपेंड की राशि उनके बैंक अकाउंट में डीपीटी यानी टायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दी जाएगी।

 

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