धर्मशाला में होने वाले एक दिवसीय विश्व कप क्रिकेट मैचों की मेजबानी पर छाए संकट के बादल
धर्मशाला.
अंर्तराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में सात अक्टूबर से होने वाले एकदिवसीय विश्व कप के मैचों पर संकट के बादल छाने लगे हैं। पिछले लंबे समय से हो रही बारिश के चलते मैदान की घास को फंगस ने जकड़ लिया है जिसके चलते आउटफील्ड के खराब होने का खतरा बना हुआ है। बताया जा रहा है कि हाल ही में अंर्तराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की टीम ने धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम का दौरा किया था जिसमें बतौर पिच कंस्लटेंट टीम के मुखिया एंडी एटकिंनसन ने मैदान का निरीक्षण करने के बाद आउटफील्ड की घास को लेकर लाल झंडी दिखाई है। हालांकि अभी कुछ ही दिनों में बीसीसीआई की टीम भी स्टेडियम का दौरा करने वाली है। उसके बाद ही मैदान की आउटफील्ड को लेकर सही तस्वीर सामने आएगी।
गौरतलब है कि आईसीसी के पिच कंस्लटेंट टीम के मुखिया एंडी एटकिंनसन ने हाल ही में भारत में विश्व कप के लिए चयनित सभी वेन्यू का दौैरा कर निरीक्षण किया है। एंडी ने धर्मशाला में निरीक्षण के बाद मैदान की आउटफील्ड को लेकर चिंता जताते हुए इस मुद्दे को बीसीसीआई के साथ भी उठाया है। एंडी ने अपने निरीक्षण में पाया कि मैदान में लगी बरमूडा घास को ग्रेड चार फंगस ने जकड़ लिया है जिससे आउटफील्ड काफी खस्ताहालत में है। हालांकि एचपीसीए ने इस फंगस को हटाने के लिए तकनीकी तौर पर काम करना शुरू कर दिया है।
उधर अगर बात हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) की करें तो उनका मानना है कि धर्मशाला स्टेडियम सात अक्टूबर को शुरू होने वाले आगामी क्रिकेट विश्व कप के पांच मैचों की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। पिछले तीन महीनों में खराब मौसम की स्थिति का सामना करने के बावजूद, एचपीसीए ने खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों के लिए एक सहज और रोमांचक अनुभव देने के लिए अपनी तैयारी पूरी निष्ठा व लगन के साथ जारी रखी है।
एचपीसीए के सचिव अवनीश परमार ने कहा कि इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए एचपीसीए की टीम बीसीसीआई के दिशा निर्देशों के मुताबिक काम कर रही है। उन्होंने बताया कि एचपीसीए ने असाधारण क्रिकेट माहौल बनाने के लिए स्टेडियम की सुविधाओं को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मैदान और पिचें वास्तविक उछाल प्रदान करने के लिए जाने जाने वाले इस मैदान और इसकी नौ पिचों को उच्चतम मानकों पर पूरा करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया जा रहा है। मैदान में बारिश की स्थिति में जल निकासी प्रणाली स्टेडियम में अब वायु निकासी क्षमताओं के साथ एक अत्याधुनिक जल निकासी प्रणाली है, जो पानी को तुरंत बाहर निकाल कर खेल जल्द से शुरू करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में खिलाड़ियों सहित दर्शकों की हर सुविधा का खास ध्यान रखा जा रहा है।
उधर इससे पूर्व बीते आठ सितंबर को धर्मशाला पंहुचे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मानद सचिव जय शाह ने एचपीसीए द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की है। उनका मानन था कि विश्व स्तरीय क्रिकेट आयोजन की मेजबानी के लिए एचपीसीए पूरी तरह से तैयार हो रहा है।
पहले भी छिन चुकी है टेस्ट मैच की मेजबानी
धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में इससे पूर्व भी इस साल मार्च में भारत-आस्ट्रलिया के बीच खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के एक मैच की मेजबानी छिन चुकी है। उस दौरान भी आउटफील्ड के समय पर पूरी तरह से तैयार नही होने के कारण सीरिज का तीसरा मैच धर्मशाला से छिन गया था। जिसे इंदौर शिफट करना पड़ा था। चार टैस्ट मैचों की इस सीरीज का तीसरा मैच पहली मार्च से पांच मार्च तक खेला जाना था।
धर्मशाला को विश्व कप के पांच मैचों की मिली है मेजबानी
एक दिवसीय विश्व कप के मैचों की बात करें तो धर्मशाला को एक साथ पांच मैचों की मेजबानी का मौका मिला है। सात अक्टूबर को बांगलादेश और अफगानिस्तान की टीमें धर्मशाला में आमने-सामने हांेगी। यह मैच सुबह साढ़े 10 बजे से शुरू होगा। इसके बाद 10 अक्टूबर को बांगलादेश की टीम इंगलैंड के साथ अपना मैच खेलेगी। यह मैच डे-नाईट होगा जो दोपहर बाद दो बजे शुरू होगा। 17 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका और नीरदरलैंड के बीच धर्मशाला में मुकाबला होगा। यह मैच भी दोपहर बाद दो बजे शुरू होगा। सबसे अहम मुकाबला 22 अक्टूबर को भारत और न्यूजीलैंड के बीच धर्मशाला में खेला जाएगा। यह मैच भी डे-नाईट होगा जो दोपहर बाद दो बजे शुरू होगा। वहीं धर्मशाला में खेले जाने वाले मुकाबलों मंे आखिरी मैच भी दो बड़ी टीमों आॅस्टेªलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। यह मुकाबला 28 अक्टूबर को सुबह साढ़े 10 बजे से शुरू होगा।