चुटका और बसनिया प्रभावित मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर चर्चा किया
मंडला
आज प्रदेश के मुख्यमंत्री का लाडली बहना कार्यक्रम के अन्तर्गत बबलिया मंडला आना हुआ। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए चुटका और बसनिया (औढारी) बांध प्रभावितों ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर उनसे मिलने का समय मांगा था।उसी पत्र के तारतम्य में प्रशासन ने चुटका प्रभावितों की और से दादु लाल कुङापे,नव रत्न दुबे,गेहबर सिंह और बसनिया(औढारी) बांध प्रभावितों की ओर से बजारी लाल सर्वटे, तितरा मरावी,दयाल सिंह धुर्वे को हेलीपेड पर मुख्यमंत्री से आगमन के समय मिलने की व्यवस्था किया गया था।चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष दादु लाल कुङापे ने ज्ञापन देते हुए कहा कि चुटका परमाणु संयंत्र से निकलने वाला रेडियोएक्टिव विकिरण क्षेत्र के लिए घातक है।हमारे आदिवासीयों के लिए सरकार जहर क्यों बोना चाहती है?
जबकि बिजली उत्पादन का वैकल्पिक सस्ता माध्यम उपलब्ध है।संगठन के सचिव नव रत्न दुबे ने कहा कि प्रशासन भूअर्जन के मामले में मनमानी किया है।शासन और प्रशासन के समक्ष विगत एक दशक से अपनी बात रख रहे हैं परन्तु हमारी बात अनसुना कर दिया जाता है।
निवास विधायक डाक्टर अशोक मर्सकोले के नेतृत्व में बसनिया(औढारी) बांध विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष बजारी लाल सर्वटे ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते समय स्मरण कराते हुए दस्तावेज दिखाया कि आपके द्वारा 3 मार्च 2016 को विधानसभा में लिखित बताया गया है कि बसनिया बांध निरस्त किया जाता है।फिर उसे दूबारा शुरू करना आदिवासी समुदाय के साथ धोखा है।
आपने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि आज के सभा में बसनिया (औढारी) बांध को निरस्त करने की घोषणा करें।संगठन के उपाध्यक्ष तितरा मरावी ने कहा कि हम अपने जंगल और जमीन को डूबने नहीं देना चाहते हैं।पेसा कानून और नियम के प्रावधानों के अनुसार हमारी ग्राम सभा के बिना परियोजना कार्य आगे बढाने को क्षेत्र की जनता मंजूर नहीं है।प्रतिनिधिमंडल से ज्ञापन लेते हुए मुख्यमंत्री आगे बढ गए।