छुरिया
नगर पंचायत अध्यक्ष को हटाने सत्ताधारी पार्टी के पार्षदों द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में हो रहे विलंब को लेकर नाराज पार्षदों के आह्वान पर मंगलवार को छुरिया बंद रहा। नाराज पार्षदों ने सपाट शब्दों में आलाकमान से कह दिया है कि उन्हें नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा के अलावा और कुछ मंजूर नहीं भले ही पार्टी उन्हें बाहर क्यों न कर दे।
नगर अध्यक्ष के खिलाफ नगर बन्द व जनआक्रोश पड़ सकता है काग्रेंस पर भारी है
छुरिया नगर अध्यक्ष के अब तक कार्यकाल के उपर नजर डाले तो खबर है इनके कार्यकाल मे अनेक बार चाहे 101 दूकान आबटंन मे अवैध उगाही का मामला हो 1 करोड़ का बाईपास रोड मे घटिया निर्माण व कमीशन खोरी का मामला कोरानाकाल मे आक्सीजन गैस सिलेंडर खरीदी मे कमीशन हर मामले पर शासन प्रसासन चुप्पी साधे ही देखा गया। जिससे पार्षदों में आक्रोश बढ़ता गया और अब आक्रोश ने नगर बंद पर जनसमर्थन भी जुटा लिया है।
15 वार्ड वाले नगर पंचायत मे जब चुनाव हुआ तब परिणाम आया था काग्रेंस से 7 पार्षद व भाजपा से 8 पार्षद चुनकर आए थे अध्यक्ष का वार्ड सबसे छोटा था जहां महज मात्र 120 मतदाता थे जानकारी इस वार्ड से नगर अध्यक्ष रहते हुए उन्हें पार्षद चुनाव जीताने कांग्रेसियो के पसीने छुट गये थे पार्षद चुनाव के बाद अध्यक्ष पद के लिए राजकुमारी सिन्हा का नाम आया तब भाजपा के एक पार्षद ने क्रास वोट किया तब कही जाकर राजकुमारी नगर अध्यक्ष बन पाई थी उस वक्त अध्यक्ष के प्रत्याशी चयन पर विवाद की स्थिति आई तब पर्वेक्षक को राजधानी से पार्षद राधेठाकुर को अध्यक्ष बनाने हरी झन्डी मिल गई थी मगर एन वक्त पर स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप से बात बन नहीं पाई आज उसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ रहा है। आज नगर अध्यक्ष के विरोध में जिस तरह से छुरिया बंद हुआ और पार्षदों को तहसील कार्यालय के सामने धरना पर बैठना पड़ा यह किसी भी राजनैतिक दलों के लिए अच्छा संकेत नहीं हो सकता।