भोपालमध्यप्रदेश

परीक्षा की कठिन घड़ी के तीन सालों में प्रदेश ने सभी दिशाओं में नए मापदण्ड स्थापित किए : मुख्यमंत्री चौहान

प्रदेश में विकास और जन-कल्याण का चल रहा है महायज्ञ
किसान-कल्याण, युवाओं, बहन-बेटियों के कल्याण के साथ अधो-संरचना,ऊर्जा, सिंचाई, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुई प्रगति

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारी सरकार के तीन साल परीक्षा की कठिन घड़ी के साल थे। पहले और दूसरे साल में हमने कोविड के महा संकट का सामना किया। कोविड के संकट से प्रदेश को निकालने के लिए सारी व्यवस्थाएँ करने का दायित्व था। इस दायित्व को पूरा किया और हमने मध्यप्रदेश के विकास की गति को भी रूकने नहीं दिया। साथ ही हमने केवल मध्यप्रदेश के भाई-बहनों की सेवा ही नहीं की अपितु जो मजदूर पैदल आ रहे थे, उन्हें भी हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई। मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य था, जिसने तय किया कि कोई भी मजदूर प्रदेश में पैदल नहीं चलेगा। अपने प्रदेश की सीमा पर हम उन्हें बस में बैठाते और दूसरे राज्य की सीमा तक छोड़ कर आते। साथ ही मजदूरों के चाय, नाश्ते, भोजन, दवाई और जूते-चप्पल की व्यवस्था जन-सहयोग से की गई। प्रदेश में बनी क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी देश में मिसाल बनी। प्रशासन, जनता और सरकार ने जन-प्रतिनिधियों के साथ मिल कर कोविड की चुनौती का मुकाबला किया। मुख्यमंत्री चौहान अपनी सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के संबंध में मीडिया प्रतिनिधियों से श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में पौध-रोपण के बाद चर्चा कर रहे थे।

किसानों के खातों में डाली गई 2 लाख 25 करोड़ से ज्यादा की राशि

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संकट के इस दौर में भी राज्य सरकार ने किसानों के फसल बीमा प्रीमियम की 200 करोड़ रूपए की राशि जमा की। पिछले 3 साल में 2 लाख 25 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि अलग-अलग योजनाओं में किसानों के खातों में डालने में हम सफल रहे। किसान-कल्याण के लिए सक्रिय रहने के साथ हमने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का सपना देखा और इसके लिए अधो-संरचना, सड़कों का जाल फैलाने तथा हाईवेज के अंतर्गत अटल एक्सप्रेस-वे, नर्मदा एक्सप्रेस-वे की योजना बनी। इसी क्रम में विंध्य एक्सप्रेस-वे की योजना भी शामिल है। प्रदेश में 4 लाख किलोमीटर सड़कें बन कर तैयार हैं।

आकाश मार्ग के उपयोग के लिए 14 जगह रोप-वे की योजना तैयार

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश में सिंचाई की अनेक परियोजनाओं का शुभारंभ किया। प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर सिंचाई की व्यवस्था करने के बाद अब हमारे कदम 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था स्थापित करने की ओर अग्रसर हैं। बिजली के उत्पादन को बढ़ा कर हमने 28 हजार मेगावाट की उपलब्धता कर दी है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी हम तेजी से काम कर रहे हैं। अधो-संरचना और मेट्रो का काम भी तेजी से चल रहा है। केवल सड़कों का नहीं परिवहन के लिए आकाश मार्ग का उपयोग करने के लिए 14 जगह रोप-वे निर्माण की योजना बन कर तैयार है। उज्जैन में कार्य आरंभ होने वाला है। इसी बीच महाकाल महालोक बन कर तैयार हुआ।

 प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का बिछ रहा है जाल

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी क्रांति करने का फैसला किया। सीएम राइज स्कूल के रूप में गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को उत्कृष्ट विद्यालय देने का हमारा अभियान चला। इनके भवनों का निर्माण तेजी से चल रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता ठीक करने के लिए नई शिक्षा नीति लागू की गई। साथ ही उच्च शिक्षा की गुणवत्ता ठीक करने की दिशा में भी प्रयास किए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में एक के बाद एक मेडिकल कॉलेज आरंभ हो रहे हैं। उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जाल बिछ रहा है। मेडिकल कॉलेजों के साथ स्वास्थ्य संस्थाओं का उन्नयन स्वास्थ्य की दिशा में एक नई क्रांति कर रहा है। आयुष्मान कार्ड बनाने में हम देश में प्रथम स्थान पर पहुँच चुके हैं।

शहरी-ग्रामीण विकास और पर्यटन के क्षेत्र में अर्जित की उपलब्धियाँ

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शिक्षा हो या स्वास्थ्य या सुशासन, हर क्षेत्र में मध्यप्रदेश आगे बढ़ा है। शहरी विकास, ग्रामीण विकास और पर्यटन के क्षेत्र में भी हमने उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। टाइगर, लेपर्ड, वल्चर और घड़ियाल स्टेट होने का गौरव तो हमें पहले से ही प्राप्त था। मध्यप्रदेश अब चीता स्टेट भी बन गया है। मध्यप्रदेश में पर्यटन को नई ऊँचाइयाँ प्राप्त हुई हैं।

अर्थ-व्यवस्था और रोजगार में रिकार्ड स्थापित

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अर्थ-व्यवस्था और रोजगार की दृष्टि से देखे तो हमने नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। लगभग 1 लाख 24 हजार शासकीय नौकरियाँ निकली हैं, जिनमें भर्ती का अभियान लगातार चल रहा है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में 1लाख युवाओं को हर साल स्व-रोजगार के लिए धन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसकी गारंटी और ब्याज सब्सिडी भी सरकार दे रही है। हर महीने रोजगार दिवस मनाए जा रहे हैं। लगभग ढाई लाख लोगों को बैंकों से जोड़ कर रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं। एक नई योजना भी आरंभ की गई है, जिसमें 1 लाख युवाओं को "लर्न एंड अर्न" में काम करना सीखने और राशि प्राप्त करने के अवसर उालब्ध कराने के लिए बजट में एक हजार करोड़ रूपये का प्रावधान कर अभियान चलाया गया है।

3 लाख 14 हजार करोड़ का है प्रदेश का बजट

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बहन-बेटियों की दृष्टि से भी क्रांति हुई है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना जैसी क्रांतिकारी योजनाएँ बनी, लाड़ली लक्ष्मी बेटियों के लिए भी अलग अलग कई व्यवस्थाएँ की गई। सभी क्षेत्रों में विकास के साथ किसान, युवा, माताओं और बहनों के कल्याण के लिए कार्य हुए हैं। गरीब-कल्याण में 91 लाख नए नाम अनेक हितग्राही मूलक योजनाओं में जुड़े हैं। प्रदेश में विकास और जन-कल्याण का महायज्ञ चल रहा है। हमारा बजट अब बढ़ कर 3 लाख 14 हजार करोड रूपए हो चुका है। पर कैपिटा इनकम जो कभी 11 हजार रूपए होती थी, अब बढ़ कर 1 लाख 40 हजार रूपए के आसपास पहुँच गई है। जीएसडीपी का आकार लगातार बढ़ रहा है, जो कभी 71 करोड़ था आज बढ़ कर 13 लाख करोड़ को पार कर गया है। इन तीन कठिन सालों में मध्यप्रदेश में हम सभी दिशाओं में प्रगति और विकास करने में सफल रहे हैं।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button