दंतेवाड़ा
नक्सली हमले में जान गंवाने वाले 10 DRG जवानों को कारली के पुलिस ग्राउंड में अंतिम सलामी दी गई. इस दौरान मौजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके पार्थिव शरीर को कंधा दिया. इस दौरान गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे.
बुधवार को घटना के बाद घटनास्थल से जवानों के शवों को जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल लाया गया था, जहां उनका पोस्टमार्टम किया गया और उसके बाद आज जवानों के शव सम्मान पूर्वक पुलिस लाइन कारली लाए गए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी.
उन्होंने कहा कि पहले एक समय था, जब जवान अंधेरों में नहीं जा पाते थे, अंदरूनी इलाकों में नहीं जा पाते थे. लेकिन अब जवान अंदरूनी इलाकों में जाकर मुकाबला कर रहे हैं. घटनाओं में पहले की तुलना में कमी आई है, इस तरह की घटनाओं से जवानों के हौसले बुलंद होते हैं. परिवर्तन आया है, यदि वे (नक्सलियों) मुख्यधारा में जुड़ना चाहते है तो उनका स्वागत है, नहीं तो गिरफ्तारी और आर-पार की लड़ाई में हमारे जवान पीछे नही हटेंगे.
बता दें कि बुधवार को अरनपुर समेली के बीच माडेंनदा गांव में नक्सलियों ने आईडी ब्लास्ट किया था, जिसमें निजी वाहन में सवार होकर जा रहे 10 डीआरजी के जवान शहीद हो गए, साथ ही निजी वाहन के चालक की भी मृत्यु हो गई थी.
रोड से तकरीबन 150 मीटर दूर जमीन खोद कर नक्सलियों ने वायर बिछा रखी थी. गांव के बच्चे आमा तिहार के लिए सभी वाहनों को रोक कर लोगों से उपहार के रूप में चंदा लेते है. जब जवानों से भरी गाड़ी यहां से गुजर रही थी, उस वक्त बचों ने गाड़ी को रोका जब गाड़ी की रफ्तार कम हुई तभी पेड़ पर बैठे नक्सलियों ने आईडी को कमान दिया और ब्लास्ट कर दिया.
यह रोड तकरीबन 10 साल पहले बनी थी. इस लिहाज से यह आईडी 10 साल पहले प्लांट किया गया था. ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए. 100 मीटर में गाड़ी के इंजन 30 मीटर में गाड़ी का पार्ट्स पड़ा था.