सूरजपुर।
खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने सूरजपुर जिले से आज प्रदेश में धान खरीदी का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने समिति प्रबंधकों को आगाह करते हुए कहा कि अगर किसानों से सही व्यवहार नहीं किया, किसानों से धान की पलटी करवाई या उनसे धान को छल्ली लगवाया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जिला के प्रभारी व खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने समिति में आयोजित कार्यक्रम के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें धान बेचने के लिए एक रुपया भी देने की जरूरत नहीं है. वहीं मीडिया से जुड़े लोगों से कहा कि कही कोई गड़बड़ी नजर आती है, तो उसे जरूर बताएं. इधर मंत्री टंकराम वर्मा ने आज सांकरा (तिल्दा) में धान खरीदी केंद्र का शुभारंभ किया. उन्होंने खरीदी केंद्र का निरीक्षण कर अधिकारियों से अन्नदाताओं की सुविधा के लिए बारदानों की व्यवस्था, फड़, चबूतरा, पीने का पानी, बैठने की छायादार व्यवस्था इत्यादि करने के निर्देश दिए. बता दें कि आज से राज्य में 2739 उपार्जन केन्द्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान क्रय किया जा रहा है. इस खरीफ सीजन में धान बिक्री के लिए 27,01,109 किसानों ने पंजीयन कराया है, इनमें से 1,35,891 नए किसान शामिल हैं. कुल 34,51,729 हेक्टेयर रक्बे में पंजीयन अनुसार धान उपार्जन का अनुमान है. सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाइस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है. छोटे, सीमांत और बडे़ कृषकों के द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा. इसके लिए 7 नवंबर से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है. खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी. धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा किए गए हैं. विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है, जिसका नं. 0771-2425463 है. धान बेचने वाले किसानों को धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जाएगी. इसके अलावा समितियों में ‘‘माइक्रो एटीएम’’ की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा हो. राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है, एवं चेक पोस्ट की स्थापना की गई है. मंडी विभाग द्वारा मंडी अधिनियम के तहत जिलों में अधिकृत व्यापारियों की सूची जिला प्रशासन के साथ साझा किया गया है. मार्कफेड द्वारा राज्य स्तर पर एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित कर राइस मिल एवं उपार्जन केन्द्रों पर रियल टाइम निगरानी रखी जाएगी. इसके अलावा राज्य स्तर पर अलग-अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है, जो लगातार जिले में हो रही धान खरीदी की मानिटरिंग करेंगे. विभागीय मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया है कि राज्य स्तरीय दल आबंटित जिलों में खरीदी के दौरान कम से कम तीन बार भ्रमण करेंगे. प्राप्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी और इस संबंध में शिकायतकर्ता को अवगत भी कराया जाएगा.