चीता “निर्वा” की अब हेलीकॉप्टर से होगी तलाश
श्योपुर
कूनो नेशनल पार्क में नौ चीतों की मौत के बाद एक और चीता के नहीं मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। निर्वा नाम की मादा चीता की कॉलर आईडी खराब है। इससे उसकी लोकेशन कूनो प्रबंधन को नहीं मिल रही है। मादा चीता निर्वा पिछले 20 दिन से गायब है। अब उसे ढूंढने के लिए वन विभाग हेलीकॉप्टर की मदद लेने की तैयारी कर रहा है। 80 लोगों की टीम, दो ड्रोन और एक हाथी टीम भी अब तक निर्वा की तलाश में नाकाम ही रही है।
निर्वा की गर्दन पर बंधी कॉलर आईडी काम नहीं कर रही है। इससे उसकी लोकेशन नहीं मिल रही है। वन अधिकारियों का दावा है कि निर्वा 28 जुलाई को कूनो पार्क के बाहर वाले जंगल में दिखी थी। उसे ट्रैंकुलाइज करने की तैयारी कर रहे थे, तभी वह गायब हो गई। उसके बाद से अब तक दिखाई नहीं दी है। दरअसल, कुछ चीतों को कॉलर आईडी की वजह से संक्रमण हुआ और उससे लगी चोटों ने उनकी जान ले ली। अब तक तीन चीतों की मौत कॉलर आईडी की वजह से होने की बात कही गई है। दो मादा चीतों को छोड़कर बाकी चीतों को बाड़ों में रखा गया है। जो दो मादा चीते खुले जंगल में थे, उनमें से एक धात्री की मौत पिछले दिनों हुई थी। वहीं, विशेषज्ञों को आशंका है कि निर्वा को यदि कॉलर आईडी से इंफेक्शन हुआ होगा तो वह भी बीमार होगी। उसे तत्काल इलाज की जरूरत है। इस वजह से उसकी तलाश को प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा गया है।
आज दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक
दिल्ली में गुरुवार को चीता परियोजना संचालन समिति की बैठक है। इसमें हेलीकॉप्टर सेवा लेने पर मुहर लग सकती है। खुले जंगल से पकड़कर बाड़ों में रखे गए चीतों के स्वास्थ्य की जांच सहित अन्य मुद्दों पर भी बैठक में चर्चा होगी। बैठक में मध्यप्रदेश के वन अधिकारी वर्चुअल शामिल होंगे।
28 जुलाई को नजर आई थी निर्वा
28 जुलाई को चीता निर्वा पार्क के टिकटोली जंगल में देखी गई थी।इसके बाद 29 जुलाई को जब ड्रोन कैमरे के जरिए तलाश की गई तो उसमें भी वह नजर आई, लेकिन इसके बाद वह नजर नहीं आई है। कूनो पार्क के जंगलों में चीता निर्वा की खोज में पांच टीम में लगी है जिसमें करीब 80 वन कर्मी शामिल हैं। दो ड्रोन कैमरे की मदद से दो टीमें तलाश कर रही है। जंगल में एक टीम हाथी पर बैठकर भी कूनो का जंगल छान रही है। इसके बावजूद अब तक निर्वा का कोई सुराग नहीं मिला है।अब निर्वा चीता की तलाश के लिए सेना की मदद भी ली जा रही है। सेना के हेलीकॉप्टर से निर्वा की तलाशी के लिए सर्च ऑपरेशन भी चलाया जाएगा। इसके लिए वन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।