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सीबीआई ने कोचर दंपती के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र, बैंक ने अभी तक नहीं दी मुकदमा चलाने की मंजूरी

नई दिल्ली
सीबीआई ने 3,250 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकान समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जांच एजेंसी ने आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 409 (विश्वास का आपराधिक हनन) तथा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रविधानों के तहत आरोपपत्र पेश किया है। सीबीआई ने कोचर दंपती और धूत के साथ ही दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (NRL), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकान इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकान इंडस्ट्रीज लिमिटेड समेत कुल नौ कंपिनयों-व्यक्तियों को नामजद किया है।

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने धूत द्वारा प्रमोटिड वीडियोकान समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशा-निर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर कीं। इसने यह भी आरोप लगाया कि इसके बदले में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SEPL) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 और 2012 के बीच एसईपीएल को दीपक कोचर की पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को हस्तांतरित कर दिया।

उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने आईसीआईसीआई बैंक से चंदा कोचर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी की अनिवार्य जरूरत के बिना ही सीबीआई मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष अपनी अंतिम रिपोर्ट दाखिल की है।

उन्होंने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक को पत्र भेजकर चंदा कोचर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी गई थी, लेकिन बैंक की तरफ से अभी तक कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की है। आमतौर पर विशेष अदालत आरोपपत्र का संज्ञान लेने के लिए आगे बढ़ने से पहले इस मंजूरी का इंतजार करती है और बाद में मुकदमा शुरू करती है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपपत्र पर अभी तक संज्ञान नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि मुकदमा चलाने की मंजूरी से इनकार के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रविधान लागू नहीं होंगे।

जनवरी में मिली थी जमानत
सीबीआई के अनुसार, आईसीआईसीआई बैंक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पद पर रहते हुए चंदा कोचर ने 3,250 करोड़ रुपये के फ्राड को अंजाम दिया है। साल 2012 में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकान ग्रुप को ये लोन दिया था। इस लोन के बदले में वीडियोकान के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत ने चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी को लाभ पहुंचाया था।

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